केरल में लगातार हो रही बारिश से भारी तबाही जारी है। मौतों का आंकड़ा बढ़कर 73 पहुंच गया है। मौसम विभाग ने सभी 14 जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है। आने वाले कुछ दिनों में बारिश की आशंका के मद्देनज़र हालात और बिगड़ने का ख़तरा बना हुआ है। उधर, बचाव कार्य भी जारी हैं तथा 35 फीट का पुल बनाकर सेना ने सौ लोगों की जान बचाई।
बारिश और बाढ़ में मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। केरल के 14 जिलों में से 11 में बुधवार दोपहर बाद रेड अलर्ट जारी किया गया जिसमें इडुक्की, कोझिकोड, वायनाड, मलप्पुरम, पाथनमथिट्टा, कन्नुर और एर्नाकुलम शामिल है। मंगलवार को देर रात शुरू हुई मूसलाधार बारिश के बाद राज्य के 35 बांधों के गेट को खोलना पड़ा। बारिश के शनिवार तक जारी रहने की संभावना जताई गई है। राज्य में उत्तर में कासरगोड से लेकर दक्षिण में तिरूवनंतपुरम तक सभी नदियां उफान पर हैं। बताया जा रहा है कि राज्य में 94 वर्ष बाद इतने भयानक हालात पैदा हुए हैं।
केंद्र सरकार ने दिया मदद का आश्वासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने बात कर राज्य की स्थिति के बारे में चर्चा की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ' हमने राज्य में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा की और रक्षा मंत्रालय से राज्य में राहत और बचाव अभियान को तेज करने को कहा है। केरल के लोगों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए मैं प्रार्थना कर रहा हूं।
बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को केरल के मुख्यमंत्री से बात की और राज्य में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली। इस दौरान गृहमंत्री ने दक्षिणी राज्य में बचाव, राहत और पुनर्वास के कार्यों में केंद्र की ओर से सभी तरह की मदद का आश्वासन दिया। रविवार को ही गृहमंत्री ने केरल का दौरान किया था और राज्य सरकार को सौ करोड़ रुपये की तत्काल राहत राशि देने का ऐलान किया था।
राहत और बचाव कार्य जारी
उधर, केरल में बाढ़ से प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी है। मुन्नार में 35 फीट का पुल बनाकर सेना ने फंसे सौ लोगों की जान बचाई। नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स ने विभिन्न जिलों से 926 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है। राज्य में 718 राहत कैंप खोले गए हैं, जिनमें 85 हजार 398 लोगों को पहुंचाया गया है।