इस सूची में चौंकाने वाली एक और बात आनलाइन खुदरा प्लेटफार्म चलाने वाले कारोबारी और फ्लिपकार्ट के सह-संस्थापक सचिन और बिन्नी बंसल का इस सूची से बाहर हो जाना है।
फॉर्व्स ने कहा है, अच्छे राजनीतिक संबंधों वाले योग गुरू बाबा रामदेव के बचपन के दोस्त बालकृष्ण ने इस सूची में पदार्पण किया है। तेजी से बढ़ती उपभोक्ता सामान विनिर्माता बनाने वाली कंपनी पतंजलि आयुर्वेद में उनकी 97 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस कंपनी को दोनों ने मिलकर 2006 में शुरू किया था। पत्रिका ने कहा, करीब 7.8 करोड़ डॉलर की कमाई करने वाली पतंजलि हर्बल टूथपेस्ट और कॉस्मेटिक्स से लेकर नूडल्स और जैम सब कुछ बेचती है। रामदेव कंपनी में किसी तरह के शेयर नहीं रखते हैं और वह कंपनी के वस्तुत: ब्रांड एंबेसडर हैं जबकि बालकृष्ण उसका परिचालन संभालते हैं। इसमें कहा गया है, इसके अलावा बालकृष्ण 5,000 पतंजलि स्वास्थ्य केंद्रों, पतंजलि विश्वविद्यालय एवं योग-आयुर्वेद शोध संस्थान को भी देखते हैं। उनका कहना है कि पतंजलि का लाभ विभिन्न न्यासों को दान कर दिया जाता है।
बालकृष्ण इस सूची में नए शामिल छह लोगों में से एक हैं, जबकि मुकेश अंबानी लगातार नौवें साल इस सूची में शीर्ष पर बने हुए हैं। इसके अलावा करीब 13 लोग इस साल इस सूची में अपना स्थान बनाए रखने में असफल रहे हैं। इस सूची में से बाहर होने वाले सचिन बंसल और बिन्नी बंसल पिछले साल इस सूची में वह 86वें स्थान पर थे। उस समय उनकी हैसियत 1.3 अरब डॉलर के बराबर थी। बाहर होने वालों में एक और बड़ा नाम टैक्सटाइल कारोबारी बालकृष्ण गोयनका का है। इस साल इस सूची में 1.25 अरब डॉलर से ज्यादा की संपत्ति वालों को ही स्थान मिला है जबकि 2015 में यह न्यूनतम सीमा 1.1 अरब डॉलर थी। इस सूची में शामिल नए लोगों में भविन, दिव्यांक और तुराखिया सबसे कम उम्र के लोग हैं जिन्होंने अपनी विग्यापन तकनीक कंपनी मीडिया डॉट नेट को अगस्त में 90 करोड़ डॉलर में बेचा था। इस सूची में शामिल लोगों की संपत्ति की गणना नौ सितंबर को उनके शेयर बाजार मूल्य के आधार पर की गई है।
भाषा