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AJL केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोतीलाल वोरा को बड़ी राहत, सीबीआई कोर्ट ने दी जमानत

साल 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में सीबीआई कोर्ट...
AJL केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मोतीलाल वोरा को बड़ी राहत, सीबीआई कोर्ट ने दी जमानत

साल 2005 में असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को गलत तरीके से जमीन आवंटित करने के मामले में सीबीआई कोर्ट ने पूर्व सीएम हुड्डा और वोरा को बड़ी राहत दे दी है। इस मामले में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को भूपेंद्र सिंह हुड्डा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा को जमानत दे दी है। सीबीआई ने पिछले साल दिसंबर में चार्जशीट दाखिल की थी। दोनों को पांच-पांच लाख रुपये के बेल बॉन्ड पर जमानत दी गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी को होगी। इस सुनवाई पर आरोपों पर बहस की जाएगी। जिसके बाद आरोप तय किए जाएंगे।

दरअसल, हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने ही इस मामले को आगे बढ़ाने और चार्जशीट दाखिल करने की अनुमति दी थी। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पूर्व मुख्यमंत्री हैं और उन पर केस चलाने से पहले राज्यपाल की अनुमति लेनी जरूरी थी।

दोनों के खिलाफ एक दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की गई थी

पिछली सुनवाई में हुड्डा और वोहरा दोनों को पेश होने के लिए समन भेजे गए थे। दोनों के खिलाफ मामले में एक दिसंबर को चार्जशीट दाखिल की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। वहीं आरोपी मोती लाल वोहरा एजेएल हाउस के चेयरमैन थे।

हुड्डा पर ये थे आरोप

पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पर असोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को उसके अखबार नेशनल हेराल्ड के लिए पंचकूला में नियमों के खिलाफ जमीन अलॉट करने का आरोप है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने साल 2016 में मामला सीबीआई को सुपुर्द कर दिया था।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर क्या थे आरोप

भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया। मामले में फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार के आरोप में हरियाणा विजिलेंस विभाग ने अप्रैल-2016 में मामला दर्ज किया था।

क्या है पूरा मामला

यह मामला काफी पुराना है। केंद्र में मोदी सरकार आने के दो साल बाद इस केस को 2016 में सीबीआई को सौंपा गया था। सीबीआई ने अपनी एफआईआर में कहा था कि वर्ष 1982 में एजेएल को पंचकूला में एक भूखंड आवंटित किया गया था, लेकिन वर्ष 1992 तक उस पर कोई निर्माण कार्य नहीं किया गया। इसके बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) ने इस भूखंड को फिर से अपने कब्जे में ले लिया।

सीबीआई की एफआईआर में कहा गया था कि एजेएल को 2005 में यही भूखंड फिर से आवंटित किया गया। हुडा के तत्कालीन अध्यक्ष ने इस आवंटन में कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन किया। उस समय हुडा के अध्यक्ष तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा थे। एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड का नियंत्रण कथित रूप से गांधी परिवार समेत कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के पास है। एसोसिएटेड जर्नल्स, नेशनल हेराल्ड चलाता है।

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