राजधानी दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय का पूर्व छात्र नेता उमर खालिद का मंगलवार को कोविद-19 टेस्ट नेगेटिव आया है और अब वह आइसोलन से बाहर हैं।
खालिद के पिता सईद कासिम रसूल इलियास ने बेटे की खबर ट्विटर पर साझा की। उन्होंने लिखा, "मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि भगवान की कृपा से मेरे बेटे # उमर खालिद का कोरोना टेस्ट नेगेटिव आया है। मैं उनके सभी दोस्तों और शुभचिंतकों को धन्यवाद देता हूं जो चिंतित थे और उनके लिए प्रार्थना की। ”
पिछले साल दिल्ली दंगों के एक मामले में गिरफ्तार, 33 वर्षीय जेएनयू के पूर्व छात्र नेता का 25 अप्रैल को कोविद-19 टेस्ट पॉजिटिव आया था। जिसके बाद उसे आइसोलेट कर दिया गया था।
फरवरी 2020 के दिल्ली दंगों में कथित भूमिका के लिए खालिद को गिरफ्तार किया गया था। उमर खालिद इस वक्त दिल्ली दंगा 2020 से जुड़े मामले में जेल में बंद है।
दिल्ली के रहने वाले उमर खालिद के पिता स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिम्मी) के सदस्य और वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी से बैचलर्स डिग्री लेने के बाद उमर खालिद ने जेएनयू का रुख किया। यहां से मास्टर्स और एम.फिल करने के बाद उन्होंने पीएचडी भी पूरी कर ली है। पढ़ाई के साथ-साथ खालिद की दिलचस्पी ऐक्टिविज्म में भी रही है। वह छात्रनेता रहे हैं और कई सार्वजनिक मंचों से केंद्र की बीजेपी सरकार पर तीखे हमले करते रहे हैं।
जेएनयू से पीएचडी करने वाले उमर खालिद ने 2016 में पहली बार सुर्खियां बटोरीं। जेएनयू में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के खिलाफ कथित तौर पर एक कार्यक्रम हुआ। इसी के बाद खालिद समेत तब जेएनयूएसयू के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और 7 अन्य स्टूडेंट्स के खिलाफ राष्ट्र्रद्रोह का केस दर्ज किया गया। यह भी आरोप लगे कार्यक्रम के दौरान भारत विरोधी नारे लगाए गए। दिल्ली पुलिस ने जब कन्हैया को अरेस्ट किया, उसके बाद खालिद लापता होगा। अगले कुछ दिन वह टीवी चैनल्स पर दिखे। 23 फरवरी को कैंपस में दिखने पर उन्हें अरेस्ट कर लिया गया था, मगर बाद में जमानत दे दी गई।