देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता अटल बिहारी वाजपेयी का 93 साल की उम्र में एम्स में निधन हो गया। एम्स ने बुलेटिन जारी कर इस बात की पुष्टि की। शाम 5 बजकर 5 मिनट पर उन्होंने आखिरी सांस ली। कल शुक्रवार को भाजपा मुख्यालय में उनका शव अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
Former Prime Minister & Bharat Ratna #AtalBihariVaajpayee passes away in AIIMS. He was 93. pic.twitter.com/r12aIPF5G0
— ANI (@ANI) August 16, 2018
48 घंटों से थी नाजुक स्थिति
दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती वाजपेयी की तबीयत पिछले 48 घंटों से नाजुक बनी हुई थी। गुरूवार दोपहर जारी किए गए एम्स हैल्थ बुलेटिन में बताया गया था कि उनकी हालत में कोई सुधार नहीं, अब भी उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। बुधवार शाम को जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन में एम्स की तरफ से कहा गया कि बीते 24 घंटे में उनकी हालात और बिगड़ी है।
मिलने वालों की लगी भीड़
इससे पहले वाजपेयी की तबीयत का हाल जानने के लिए एम्स में नेताओं का तांता लगा रहा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी एम्स पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार शाम करीब सवा सात बजे वाजपेयी का हालचाल जानने के लिए एम्स गए थे, वहीं आज गुरुवार को भी वह एम्स गए। मोदी के अलावा रेल मंत्री पीयूष गोयल और भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी भी वाजपेयी का कुशक्षेम जानने अस्पताल पहुंचे थे। रात में केन्द्रीय मंत्री सुरेश प्रभु, जितेन्द्र सिंह, हर्षवर्द्धन और शाहनवाज हुसैन सहित कई नेता और मंत्री अस्तपाल गये थे। इससे पहले केन्द्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी भी वाजपेयी का हाल जानने अस्पताल गयी थीं।
आज सुबह उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू वाजपेयी का हाल जानने पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया भी गुरूवार को वाजपेयी जी को देखने एम्स पहुंचे। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का हाल जानने के लिए केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी पहुंचे। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी वाजपेयी से मिलने एम्स पहुंचीं थीं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी गुरुवार शाम चार बजे अटल बीहारी वाजपेयी के हालात की जानकारी लेने एम्स पहुंचे थे। इससे पहले सांझी विरासत सम्मेलन में कांग्रेस अध्यक्ष ने अटल जी के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
11 जून से अस्पताल में भर्ती थे अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी को गुर्दा (किडनी) की नली में संक्रमण, छाती में जकड़न, मूत्रनली में संक्रमण आदि के बाद 11 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले 48 घंटों में उनके स्वास्थ्य में गंभीर गिरावट आई। यहां एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में वरिष्ठ डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी।
भाजपा ने रद्द किया अपना कार्यक्रम
भारतीय जनता पार्टी ने अटल बिहारी वाजपेयी की हालत को देखते हुए देशभर में अपने आज के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए थे। 18-19 अगस्त को दिल्ली में होने वाली बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक टल गई। बीजेपी मुख्यालय से बैठक के लिए फूलों से सजावट की गई थी, जिसे हटा लिया गया।
2009 में भी अटल जी की तबियत बिगड़ी, रखा गया था वेंटिलेटर पर
2009 में भी वाजपेयी की तबीयत बिगड़ गई थी। उन्हें सांस लेने में दिक्कत के बाद कई दिन वेंटिलेटर पर रखा गया था। हालांकि, बाद में वे ठीक हो गए और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इसके बाद कहा गया कि वाजपेयी लकवे के शिकार हैं। इस वजह से वे किसी से बोलते नहीं थे। बाद में उन्हें स्मृति लोप हो गया। उन्होंने लोगों को पहचानना भी बंद कर दिया।
प्रधानमंत्री के रूप में वाजपेयी ने तीन बार देश का नेतृत्व किया
अटल बिहारी वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार देश का नेतृत्व किया। वे पहली बार साल 1996 में 16 मई से 1 जून तक, 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और फिर 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई 2004 तक देश के प्रधानमंत्री रहे।