जगह-जगह लगे पंडाल में भारी भीड़ के साथ ही गणपति बप्पा मोरया की गूंज सुनाई दे रही है। पुणे और नागपुर जैसे शहरों में ढोल-नगाड़े बज रहे हैं। लोगों के बीच भक्ति-भाव और जश्न का माहौल है। खास तौर पर महाराष्ट्र में गणेश चतुर्थी की खूब धूम देखने को मिलती है। महाराष्ट्र में आज से 11वें दिन के गणेशोत्सव की शुरुआत हो चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयोग से यह वर्ष लोकमान्य बालगंगाधर तिलक द्वारा सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत का सवा सौवां वर्ष भी है। तो इस वर्ष गणेशोत्सव पंडालों की झांकियों के माध्यम से अनेक मुद्दों पर जनजागृति लाने की कोशिश की जाएगी। महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की परंपरा काफी पुरानी है। पुणे के कस्बा गणपति की स्थापना छत्रपति शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई द्वारा की गई मानी जाती है, लेकिन गणेशोत्सव का यह त्योहार पहले निजी एवं पारिवारिक उत्सव के रूप में ही मनाया जाता था।
बता दें कि साल 1893 में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने इस उत्सव को सार्वजनिक रूप देकर राष्ट्रीय एकता का प्रतीक बना दिया। तिलक ने इस उत्सव के जरिए लोगों को संगठित करने की शुरुआत की, ताकि उनके संगठन का उपयोग आजादी की लड़ाई में किया जा सके।
इस वर्ष कुछ गणपति मंडल जहां अपनी झांकियों के माध्यम से चीनी माल के बहिष्कार का संदेश देते नजर आएंगे, वहीं कुछ स्वच्छता अभियान एवं किसानों की समस्या दर्शाते दिखेंगे। अंधेरी का राजा गणेशोत्सव मंडल का पांडाल इस बार महाराष्ट्र के मशहूर अष्टविनायकों में से एक बल्लालेश्वर मंदिर की प्रतिकृति रूप में दिखेगा, तो तिलक नगर का सह्याद्रि मंडल गणेशोत्सव जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के जरिए केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया, किसान कल्याण एवं राष्ट्रीय सुरक्षा का संदेश देता दिखाई देगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के घर पर भी गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति का आगमन हुआ।
#GaneshChaturthi celebrations at residence of Maharashtra CM Devendra Fadnavis in Mumbai pic.twitter.com/a6LfPA6YqO
— ANI (@ANI) August 25, 2017