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भारत समेत दुनिया भर में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है 'जियोफिजिक्स' का इस्तेमाल, जाने क्या है नई प्रौद्योगिकी और उत्पाद

नई दिल्ली। ए एफ एकेडमी और यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ जियोसाइंटिस्ट्स एंड इंजीनियर्स (ईएजीई) का दूसरा इंडियन...
भारत समेत दुनिया भर में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है 'जियोफिजिक्स'  का इस्तेमाल, जाने क्या है नई प्रौद्योगिकी और उत्पाद

नई दिल्ली। ए एफ एकेडमी और यूरोपियन एसोसिएशन ऑफ जियोसाइंटिस्ट्स एंड इंजीनियर्स (ईएजीई) का दूसरा इंडियन नियर सरफेस जियोफिजिक्स कार्यक्रम नई दिल्ली में 7-8 नवंबर को आयोजित हुआ। ईएजीई होल्डिंग बीवी के कार्यकारी निदेशक मार्सेल वैन लून ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए बताया कि जियोफिजिक्स का इस्तेमाल विभिन्न इंजीनियरिंग, पर्यावरण, खनन, भूजल, पुरातात्विक और फोरेंसिक विज्ञान के लिए भारत समेत दुनिया भर में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। 

न्यू फ्रेंड्स कालोनी स्थित सूर्या होटल में आयोजित इस दो दिन तक चलने वाले सम्मेलन का उद्देश्य इस क्षेत्र से जुड़े सहयोगियों को एक साथ मंच पर लाना और जियोफिजिक्स से जुड़े विभिन्न प्रयोगों और साधनों पर विचार-विमर्श करना था। सम्मेलन को परमाणु खनिज निदेशालय के पूर्व एडिशनल डायरेक्टर डॉ एके चतुर्वेदी, मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड के पूर्व सीएमडी व डीडीएजी के फाउंडर एवं चेयरमैन डॉ. गोपाल धवन, वरिष्ठ साइंटिस्ट एवं सीएसआईआर-एनजीआरआई के पूर्व डायरेक्टर डॉ. वीएम तिवारी और ओएनजीसी की डायरेक्टर (अन्वेषण) सुषमा रावत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के आखिर में ए एफ एकेडमी के अध्यक्ष डॉ. संजय राणा ने धन्यवाद किया।

इस दौरान एक प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें जियोफिजिक्स के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शनी में 'परसन इनोवेशन' नामक एक कंपनी ने भारत में निर्मित पहला ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार भी लॉन्च किया। डॉ. संजय राणा ने बताया कि  वर्कशॉप में  "इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी इमेजिंग एंड इंड्यूस्ड पोलराइजेशन" विषय पर डेनमार्क केएजीएस विशेषज्ञों ने अपनी रिसर्च पेश की गई।

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