नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल जर्मन छात्र को भारत से वापस भेजे को लेकर पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधा है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि छात्र ने यह याद दिलाया कि जो सालों पहले जर्मनी में हुआ, वह भारत में न हो।
चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, जर्मन छात्र हमें दुनिया में एक काले अध्याय की याद दिला रहा है ताकि इसे भारत में न दोहराया जाए। यह छात्र हमारे आभार का हकदार है। उन्होंने कहा, आईआईटी के निदेशक कहां हैं, इसके प्रमुख कहां हैं। आईआईटी के छात्र कहां हैं। उन्हें जर्मन छात्र को संस्थान से निकाले जाने पर विरोध करना चाहिए।
आईआईटी मद्रास का है छात्र
जैकब जमुनी के ड्रेस्डेन का रहने वाला है। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने पर जर्मनी के छात्र को सोमवार को भारत से वापस भेज दिया गया। लिंडेनथल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत पढ़ाई करने भारत आए थे। वह आईआईटी मद्रास में भौतिकी विभाग के छात्र हैं और उसकी पढ़ाई पूरी होने में एक सेमेस्टर बाकी है। उन्हें मई 2020 में वापस जाना था।
हुआ था विरोध प्रदर्शन में शामिल
चेन्नई के वल्लूवरकोट्टम में प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इसमें जैकोब ने एक प्लेकार्ड हाथ में लिया था। इसमें यहूदियों पर नाजियों के अत्याचार की ओर इशारा किया गया था। इसमें लिखा था- 1933 से 1945, वी हैव देयर (जर्मनी में हिटलर दौर की ओर। उन्होंने एक दूसरा कार्ड भी ले रखा था, जिसमें लिखा था, "बिना असंतोष के लोकतंत्र नहीं।" सीएए के खिलाफ प्रदर्शन करते जैकब की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं जो उसके लिए मुसीबत बन गईं।