गाजीपुर मदरसा रेप केस में मुख्य आरोपी का ट्रायल बालिग की तरह किया जाएगा। जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने बुधवार को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की जांच पर मुहर लगाते हुए कहा कि आरोपी पर बालिग की तरह केस चलेगा।
जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच द्वारा पेश किए सबूतों को सही माना है। इस मामले में क्राइम ब्रांच की आरोपी का बोन टेस्ट कराया था, जिसमें आरोपी की उम्र लगभग 20 साल पाई गई। इस मामले में स्थानीय पुलिस ने आरोपी को नाबालिग बनाकर बाल सुधार गृह भेजा था। क्राइम ब्रांच ने आरोपी की इस रिपोर्ट को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के सामने पेश किया।
Ghazipur Madarsa rape case: Main accused in the case to be tried as an adult, says Juvenile Justice Board
— ANI (@ANI) May 2, 2018
नाबालिग नहीं है आरोपी
पीड़िता के परिवार और इलाके के लोगों ने स्थानीय पुलिस की जांच पर सवाल उठाया था। गाजीपुर इलाके में लोगों के विरोध के बाद मामले की जांच क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई। क्राइम ब्रांच को मदरसे की जांच में एक आधार कार्ड मिला, जिसमें आरोपी की उम्र 8 जनवरी 1998 दर्ज थी। क्राइम ब्रांच ने आरोपी की उम्र को पुख्ता करने के लिए बोन डेंसिटी जांच कराई और ये साफ हो गया कि आरोपी नाबालिग नहीं था।
21 अप्रैल को गाजीपुर इलाके से गायब हुई थी लड़की
क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच में कहा कि 21 अप्रैल को गाजीपुर इलाके से लड़की गायब हुई थी। पीड़ित परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ और 22 अप्रैल को लड़की को गाजियाबाद के एक मदरसे से बरामद किया गया। पीड़ित लड़की ने कहा था कि जिस लड़के के साथ वो गई थी उसने ही रेप किया था लेकिन आरोपी लड़का अपने आप को नाबालिग बताते हुए कहा कि उसके ऊपर झूठे आरोप लगाए गए हैं। इस संबंध में मदरसे के मौलवी ने किसी तरह की जानकारी होने से इंकार किया था।