कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉक डाउन से प्रभावित श्रमिकों, किसानों, बुजुर्गों, विकलांगों मनरेगा मजदूरों आदि के लिए सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है। हालांकि ज्यादातर घोषणाएं ऐसी हैं जिनसे लोगों को बहुत ही मामूली मदद मिलेगी। पैकेज का आकार केंद्र सरकार के बजट का लगभग 6 फ़ीसदी है। तुलनात्मक रूप से देखें तो एक दिन पहले ही अमेरिकी सीनेट ने 2.2 लाख करोड़ डॉलर के पैकेज का जो प्रस्ताव पारित किया वह वहां के बजट के 50 फ़ीसदी से भी ज्यादा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत आठ श्रेणियों में लोगों को राहत देने का फैसला किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि जो स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर बीमार लोगों की तीमारदारी में लगे हैं उन्हें 3 महीने तक 50 लाख रुपए का बीमा कवर मिलेगा। इनमें डॉक्टर और नर्सों के अलावा सफाई कर्मचारी, आशा वर्कर और पैरामेडिकल स्टाफ शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना से करीब 20 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 80 करोड़ लोगों को प्रतिमाह 5 किलो गेहूं या चावल 3 महीने तक मुफ्त दिया जाएगा। इसके अलावा हर परिवार को 1 किलो दाल भी मिलेगी। लोग इसे दो किस्तों में भी ले सकते हैं। अभी लोगों को जो गेहूं या चावल मिलता है यह उसके अतिरिक्त होगा। यह राशन की दुकानों के जरिए ही लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा। आइए देखते हैं वित्त मंत्री ने किस वर्ग के लिए क्या घोषणा की:-
संगठित क्षेत्र: जिन संस्थानों में कर्मचारियों की संख्या एक सौ तक है और उनमें से 90 फ़ीसदी का वेतन ₹15,000 तक है, उनके लिए 3 महीने तक ईपीएफओ में अंशदान सरकार करेगी। यह अंशदान कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से का 12-12 फ़ीसदी होगा। इससे चार लाख संस्थानों और 80 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। ईपीएफओ नियमों में संशोधन का भी फैसला किया गया है। कर्मचारी जमा राशि का 75 फ़ीसदी या 3 माह के वेतन के बराबर- दोनों में जो भी कम हो- उतनी रकम निकाल सकेंगे। इससे 4.8 करोड़ लोगों को फायदा होगा।
किसान: किसानों को हर साल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत ₹6,000 तीन किस्तों में मिलते हैं। वित्त वर्ष 2020-21 की पहली किस्त अप्रैल के पहले हफ्ते में ही दे दी जाएगी। इससे 8.69 करोड़ किसानों को तत्काल लाभ मिल सकेगा।
मनरेगा कर्मचारी: इनकी दिहाड़ी ₹182 प्रतिदिन से बढ़ाकर ₹202 की गई है। इससे हर परिवार को ₹2,000 प्रति माह अतिरिक्त आय होने की उम्मीद है। लॉक डाउन के चलते बहुत कम जगहों पर काम हो रहा है फिर भी जिला कमिश्नरों को काम करवाने के लिए अपने स्तर पर फैसले लेने की अनुमति दी गई है।
बुजुर्ग विधवा एवं विकलांग: 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों, विधवाओं और विकलांगों को ₹1,000 अतिरिक्त सहायता राशि दी जाएगी। तीन महीने के दरमियान यह रकम दो किस्तों में मिलेगी। इससे तीन करोड़ लोगों को फायदा मिलने की उम्मीद है।
महिला जन धन खाताधारक: इन्हें प्रतिमाह ₹500 की सहायता मिलेगी। यह रकम 3 महीने तक दी जाएगी। इससे 20 करोड़ महिलाओं को फायदा मिलेगा।
उज्जवला स्कीम: इस स्कीम के तहत 3 महीने तक रसोई गैस का सिलेंडर मुफ्त दिया जाएगा। इससे 8.3 करोड़ बीपीएल परिवारों को लाभ मिलेगा।
महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप: अभी एनआरएलएम के तहत बिना किसी कोलेटरल यानी गारंटी के 10 लाख रुपए तक लोन मिलता है। इसकी सीमा बढ़ाकर 20 लाख की गई है। दावा है कि इससे 63 लाख सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़े सात करोड़ परिवारों को लाभ मिलेगा।
कंस्ट्रक्शन कर्मचारी: केंद्र सरकार के विशेष एक्ट के तहत इनके लिए बने वेलफेयर फंड में अभी 31,000 करोड़ रुपए हैं और 3.5 करोड़ रजिस्टर्ड श्रमिक हैं। केंद्र सरकार राज्यों से वेलफेयर फंड का इस्तेमाल करने को कहेगी। इसके अलावा राज्यों से डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड का इस्तेमाल कोरोना वायरस के संदिग्ध पीड़ितों की टेस्टिंग स्क्रीनिंग आदि के लिए करने को कहा जाएगा।
देश भर में टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन फिलहाल स्थगित
कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या बढ़ने और लॉक डाउन को देखते हुए सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पूरे देश में टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन फिलहाल स्थगित करने का फैसला किया है। यह फैसला गुरुवार से लागू हो गया है। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट किया कि इससे इमरजेंसी सेवाओं की सप्लाई आसान होगी और समय बचेगा।
हर अमेरिकी को मिलेंगे 1,200 डॉलर, सीनेट में पारित हुआ 2.2 लाख करोड़ डॉलर का पैकेज
वैश्विक महामारी कोविड-19 से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए अमेरिकी सीनेट ने बुधवार को 2.2 लाख करोड़ डॉलर के राहत पैकेज का प्रस्ताव पारित कर दिया। यह दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा राहत पैकेज है। गौरतलब है कि अमेरिका के बजट का आकार करीब चार लाख करोड़ डॉलर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उम्मीद जताई कि महामारी का आतंक खत्म होने के बाद अर्थव्यवस्था रॉकेट की तरह ऊपर जाएगी। इस पैकेज के तहत ज्यादातर अमेरिकियों को एक निश्चित रकम का सीधे भुगतान किया जाएगा। प्रत्येक वयस्क को 1,200 डॉलर और बच्चों के लिए 500 डॉलर दिए जाएंगे। अगर हालात नहीं सुधरे तो यह रकम प्रति माह के हिसाब से 1 साल तक दी जाएगी। छोटी कंपनियों का कामकाज लगभग पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है और उनके कर्मचारी घर पर रहने को मजबूर हैं। वे अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सकें इसलिए 367 अरब डॉलर की व्यवस्था की गई है। बड़ी कंपनियों को 500 अरब डॉलर का सरकारी गारंटी वाला सस्ता कर्ज दिया जाएगा। अमेरिका में कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए अस्पतालों के लिए 130 अरब डॉलर रखे गए हैं। फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी के लिए अलग से 45 अरब डॉलर दिए जाएंगे।