पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने गुरुवार को मांग की कि सरकार को दक्षिण भारत में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए मखाना बोर्ड की तर्ज पर कटहल बोर्ड का गठन करना चाहिए। बुखार होने के बावजूद केंद्रीय बजट पर बहस में भाग लेने वाले देवेगौड़ा ने कहा कि वह राज्यसभा से अनुपस्थित नहीं रहना चाहते और अपने विचार साझा करना चाहते हैं।
बजट की प्रशंसा करते हुए देवेगौड़ा ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने समाज के सभी वर्गों का समर्थन करने और लोगों के हितों की रक्षा करने के लिए अपना काम किया है। उन्होंने दक्षिण भारत में कटहल उत्पादन, निर्यात और मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड के गठन की मांग करते हुए बेंगलुरु में पेयजल की समस्या को भी उठाया।
उन्होंने कहा कि दक्षिण भारत में कटहल सड़क किनारे बेचा जाता है और एक अलग बोर्ड युवाओं को मूल्य संवर्धन में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगा। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व पीएम की सराहना करते हुए कहा कि इस उम्र में न केवल सदन में बल्कि समितियों में भी उनकी उपस्थिति बहुत उत्साहजनक है।
धनखड़ ने कहा, "मैंने एच.डी. देवेगौड़ा को सभी पहलुओं पर विचार करने की अनुमति दी है। वह अपने संबोधन पर संक्षेप में विचार करेंगे। बाकी बातें सदन के पटल पर रखी जाएंगी।" उनके जवाब में देवेगौड़ा ने कहा, "मैं आपका आभारी हूं। मैंने संदेश भेजा है कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है। मैं आज की संसद में उपस्थित नहीं होऊंगा। सहानुभूति रखते हुए आपने कहा कि कागजात सदन के पटल पर रख दीजिए।" बाद में अपने भाषण में उन्होंने कहा, "मुझे बुखार है। मेरी अंतरात्मा मुझे अनुपस्थित रहने की अनुमति नहीं दे रही है।"