गुजरात में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार ने शनिवार को समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया। कैबिनेट ने कमेटी के गठन की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को दी है। इससे पहले उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकारों ने अपने-अपने राज्यों में यूसीसी लागू करने की घोषणा की थी।
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने शनिवार को हुई अपनी बैठक के दौरान समिति के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इसे भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली कैबिनेट की आखिरी बैठक माना जा रहा है क्योंकि राज्य चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा, "समिति की अध्यक्षता उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे।" कमेटी समान नागरिक संहिता की संभावनाएं तलाशेगी और विभिन्न पहलुओं का मूल्यांकन करेगी।
हमेशा से समान नागरिक संहिता बीजेपी के एजेंडे में रहा है। 1989 के लोकसभा चुनाव में पहली बार बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया था। यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है विवाह, तलाक, बच्चा गोद लेना और संपत्ति के बंटवारे जैसे विषयों में सभी नागरिकों के लिए एक जैसे नियम। यानी भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होना, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति के क्यों ना हो।