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नरोदा पाटिया दंगे में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी बरी, बाबू बजरंगी की सजा बरकरार

गुजरात में 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में गुजरात हाइकोर्ट ने राज्‍य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी...
नरोदा पाटिया दंगे में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी बरी, बाबू बजरंगी की सजा बरकरार

गुजरात में 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में गुजरात हाइकोर्ट ने राज्‍य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया है। इस केस के दूसरे आरोपी बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी की सजा हाइकोर्ट ने बरकरार रखी है। इस घटना में भीड़ द्वारा 97 लोग जलाकर मार दिए गए थे।

जस्टिस हर्षा देवानी और जस्टिस एएस सुपेहिया की बेंच ने शुक्रवार को अपने फैसले में कहा कि कोडनानी के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो पाए। बाबू बजरंगी का नाम इस मामले में मुख्य षडयंत्रकारी के रूप में शामिल था। इस केस में जिन 32 लोगों को सजा सुनाई गई थी उनमें से कोडनानी समेत 17 को बरी कर दिया गया, 12 की सजा बरकरार रखी गई, दो पर फैसला आना बाकी है जबकि एक आरोपी की मौत हो गई है।


अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए ग‌ठिंत विशेष अदालत ने राज्य की पूर्व मंत्री और भाजपा नेता माया कोडनानी समेत 32 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। कोडनानी को 28 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में 21 साल कर दिया गया था। एक अन्य आरोपी बाबू बजरंगी को मृत्यु पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। सात अन्य को 31 साल के आजीवन कारावास और 22 अन्य को 24 साल के कारावास की सजा सुनाई गई थी। कोडनानी अभी जमानत पर हैं जबकि बजरंगी जेल में है।
यह दंगा 28 फरवरी 2002 को हुआ था जिसमें भीड़ ने 97 लोगों को मार डाला था। यह घटना गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के जलने के एक दिन बाद हुई थी।

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