दिल्ली हाइकोर्ट ने आज पत्रकार अर्णब गोस्वामी और उनके चैनल रिपब्लिक टीवी को कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत पर खबर दिखाने या बहस कराने पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा कि वे सांसद के ‘चुप रहने के अधिकार’ का सम्मान करें। थरूर की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मनमोहन ने कहा कि स्टोरी को प्रसारित करने का अधिकार नहीं छीना जा सकता पर इसमें संतुलन बनाए रखना होगा।
हाइकोर्ट ने गोस्वामी और रिपल्बिक टीवी से कहा कि वे सुनंद पुष्कर की मौत की खबर का प्रसारण करने से पहले थरूर का पक्ष लेने के लिए उन्हें अग्रिम नोटिस भेजें। जज ने कहा कि हर व्यक्ति को चुप रहने का अधिकार है। उस पर किसी भी मुद्दे पर बोलने के लिए न तो दबाव डाला जा सकता है और न ही उसे बाध्य किया जा सकता है।
न्यायालय ने गोस्वामी और चैनल के खिलाफ थरूर द्वारा दायर दो करोड़ रुपये की मानहानि के तीन मुकदमों पर यह आदेश दिया। कांग्रेस नेता ने पत्रकार और चैनल पर सुनंदा की रहस्यमयी मौत से जुड़ी खबर के प्रसारण के समय उनके खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर ये मामले दायर किए थे। सुनंदा 17 दिसंबर, 2014 को दक्षिणी दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत पाई गईं थी। थरूर का आरोप है कि उनके (गोस्वामी और रिपब्लिक टीवी) वकील द्वारा 29 मई को दिए गए आश्वासन के बावजूद वे उनको ‘बदनाम’ करने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।