गुजरात हाइकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और उनके पति जावेद आनंद को 1.4 करोड़ रुपये के गबन के मामले में राहत देते हुए उन्हें गिरफ्तारी से प्रदान किए गए अंतरिम संरक्षण को बढ़ा कर 13 जून तक कर दिया है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस एवाई कोगजे की अदालत में होनी थी पर उन्होंने खुद को सुनवाई से अलग कर लिया।
समाचार एजेंसी, पीटीआइ के अनुसार इसके बाद मामला जस्टिस बीरेन वैष्णव की कोर्ट में ले जाया गया। यहां तीस्ता सीतलवाड़ और जावेद आनंद राहत दी गई। मामले की अगली सुनवाई 12 जून को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सीतलवाड़ और आनंद को गिरफ्तारी से प्रदान किए गए अंतरिम संरक्षण और ट्रांजिट अग्रिम जमानत की अवधि 2 मई से बढ़ाकर 31 मई कर थोड़ी राहत दी थी। बंबई उच्च न्यायालय ने इन दोनों को दो मई तक के लिए यह संरक्षण प्रदान किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दंपत्ति को 31 मई तक गिरफ्तार नहीं किया जाए। कोर्ट ने इन दोनों को गुजरात में सक्षम अदालत के पास जाने को कहा था जहां इस मामले में फैसला हो सके।
निचली अदालत द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद तीस्ता सीतलवाड़ और जावेद आनंद हाइकोर्ट पहुंचे थे। यह मामला उनके एनजीओ सबरंग ट्रस्ट से संबंधित 1.4 करोड़ रुपये की कथित तौर पर गबन से संबंधित है। दोनों ने इस साल 30 मार्च को रईस खान पठान की शिकायत पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।