दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और विमान नियामक डीजीसीए से पायलटों की ड्यूटी की समय तय करने पर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 22 मई को होगी।
एयर इंडिया और निजी विमान कंपनियों से जुड़ी फेडरेशन ऑफ इंडियन एयरलाइंस ने हाईकोर्ट के 18 अप्रैल को दिए आदेश में संसोधन करने की मांग की थी, जिसमें हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि डीजीसीए को पायलटों की उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) का सख्ती से पालन करें।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तय निमयों के अनुसार, एक माह के भीतर एक पायलट 125 घंटे से अधिक विमान नहीं उड़ा सकता है। साथ ही, हाईकोर्ट ने पायलटों की उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) में बदलाव करने का भी सुझाव दिया था। एयरलाइंस का दावा था कि कई बाद उड़ान ड्यूटी में बदलाव की जरूरत होती है। हाल में 13 मई को आए तूफान के चलते करीब 70 फ्लाइट्स को दिल्ली से अन्य एयरपोर्ट के लिए डायवर्ट करना पड़ा था।
हाईकोर्ट ने निदेशालय को एक साल में निजी विमानन कंपनियों द्वारा पायलटों से तय समय से अधिक काम कराए जाने पर रोक के लिए समचित कानून बनाने का भी निर्देश दिया था। पीठ ने कहा था कि कोई भी विमानन कंपनियां कर्मचारी की कमी का हवाला देकर पायलट व अन्य क्रू सदस्यों से तय घंटे से अधिक काम नहीं ले सकता है। यह यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से बेहद खतरनाक हो सकता है।