एचडीएफसी बैक की मुंबई शाखा के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ संघवी की हत्या की गुत्थी अब पुलिस ने सुलझा ली है। इस मामले की जांच कर रही पुलिस ने बताया कि संघवी की हत्या महज 30 हजार रुपये की लूट के लिए की गई।
दरअसल, पुलिस ने इस मामले में कमला मिल्स के पार्किंग में काम करने वाले सरफराज शेख उर्फ रईस को गिरफ्तार किया है। संघवी का ऑफिस कमला मिल्स में ही है। रईस की निशानदेही पर पुलिस ने सोमवार सुबह संघवी का शव कल्याण इलाके से बरामद किया।
सोमवार को पाया गया शव
बुधवार से गायब चल रहे संघवी का शव सोमवार को कल्याण के हाजी मलंग इलाके में पाया गया। पुलिस ने बताया कि जब शेख और संघवी के बीच पैसे को लेकर पार्किंग में विवाद हुआ तो संघवी ने अलार्म बजा दिया था, जिससे घबराकर शेख ने उनपर हमला कर दिया। हत्या करने के बाद शेख ने संघवी के शव को कार में रखा और हाजी मलंग के पास लाकर फेंक दिया।
बाइक की ईएमआई के लिए की हत्या
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में रईस ने बताया कि ईएमआई के 30 हजार रुपये देने के लिए उसे रुपयों की जरूरत थी। इसके लिए उसने संघवी को लूटने का प्रयास किया और इस दौरान हाथापाई होने पर उनकी हत्या कर दी।
यह घटना पार्किंग बे में ही बुधवार शाम को हुई। इसके बाद रईस शव को अपनी कार में रखकर कल्याण में ले जाकर फेक आया।
पहले दिया था ये बयान- बैंक के लोगों ने हत्या के लिए दिए थे पैसे
कैब ड्राइवर रह चुके रईस ने पुलिस को उलझाने के लिए पहले यह कहा था कि एचडीएफसी में काम कर चुके कुछ लोगों ने प्रोफेशनल रंजिश में हत्या के लिए उसे पैसे दिए। वे संघवी के प्रमोशन से नाराज थे। संघवी बुधवार को लापता हो गए थे।
इसके तीसरे दिन उनके पिता को फोन आया कि उनका बेटा सुरक्षित है और चिंता करने की जरूरत नहीं है। यह फोन रईस ने संघवी के फोन से किया था, हालांकि उसने सिम बदल दी थी। इसका लोकेशन नवी मुंबई मिला था।