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सबरीमला:महिला हिंदू नेता की गिरफ्तारी के विरोध में केरल में हड़ताल

केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विरोध बढ़ता जा रहा है। भगवान अयप्पा के दर्शन...
सबरीमला:महिला हिंदू नेता की गिरफ्तारी के विरोध में केरल में हड़ताल

केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर चल रहा विरोध बढ़ता जा रहा है। भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए पहुंचने वाली महिलाओं को भक्तों और प्रदर्शनकारियों के खासे विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच हिंदू ऐक्या वेदी की अध्यक्ष के पी शशिकला की तड़के हुई गिरफ्तारी के बाद केरल में आज सबरीमला कर्मा समिति ने 12 घंटे का बंद बुलाया है जो सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है।

माना जाता है कि शशिकला की उम्र 50 से ऊपर है और वह मंदिर दर्शनों के लिए पहुंची थीं लेकिन उन्हें जाने से रोक दिया गया। उन्हें रात के 2 बजे उस समय गिरफ्तार किया गया जब उन्होंने आदेश का उल्लंघन किया। यह संस्था सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का विरोध करती रही है जिसमें सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति दी गई थी।  

विरोध के चलते लौटी तृप्ति देसाई

वहीं, पुलिस ने शुक्रवार रात को भूमाता ब्रिगेड की संस्थापक और महिला कार्यकर्ता तृप्ति देसाई का रास्ता रोकने के कारण 500 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्हें प्रदर्शनकारियों ने कोच्चि एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने दिया। 14 घंटे तक चले ड्रामे के बाद वह शनिवार तड़के मुंबई वापस चली गईं।

मुंबई एयरपोर्ट पहुंचने पर तृप्ति देसाई ने कहा कि विरोध करने वाले लोग हिंसा और गुंडागर्दी पर उतारू हो रहे थे। वे लोग खुद को भगवान अयप्पा का भक्त कह रहे थे, लेकिन मुझे नहीं लगता कि वो लोग भक्त हो सकते हैं। पुलिस ने हमसे कहा कि वह हमें अगली बार सुरक्षा देगी। वापस आने का निर्णय इसलिए लिया क्योंकि हम अपनी वजह से हिंसा नहीं होने देना चाहते थे। इस बार वहां घोषणा करके गए थे लेकिन अगली बार हम बिना घोषणा के जाएंगे और गुरिल्ला रणनीति अपनाएंगे।

इससे पहले तृप्ति ने ऐलान किया था कि वो मंदिर में दाखिल होंगी और भगवान अयप्पा के दर्शन करेंगी। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने कोच्चि एयरपोर्ट से उन्हें सबरीमाला मंदिर नहीं जाने दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तीसरी बार खुला मंदिर

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयप्पा स्वामी मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दिए जाने के बाद मंदिर तीसरी बार खुला है। शुक्रवार शाम मंदिर  के कपाट दो महीने के लिए खोले गए और सालाना पूजा हुई। 41 दिनों तक चलने वाला मंडलम उत्सव मंडला पूजा के बाद 27 दिसंबर को संपन्न होगा जब मंदिर को ‘अथाझापूजा’ के बाद शाम को बंद कर दिया जाएगा। यह 30 दिसंबर को मकराविलक्कू उत्सव पर फिर से खुलेगा। मकराविलक्कू उत्सव 14 जनवरी को मनाया जाएगा जिसके बाद मंदिर 20 जनवरी को बंद हो जाएगा। वहीं, एहतियात के तौर पर मंदिर परिसर में भारी संख्या में पुलिसबल तैनात किए गए।

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