रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगर उन्हें अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण मिलता है तो वे जरूर जायेंगे। साथ ही चुनाव के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने केंद्र पर झारखंड की उपेक्षा का भी आरोप लगाया। अपनी सरकार के चार साल पूरे होने के मौके पर मुख्यमंत्री आवास में वे पत्रकारों से बात कर रहे थे। इधर भाजपा ने हेमंत सरकार के चार साल होने पर रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए हमला किया। फाइल, फोल्डर और बॉस की सरकार करार दिय।
एक दिन पहले खनन पट्टा और जमीन आवंटन मामले में हाई कोर्ट से राहत मिलने से हेमंत सोरेन थोड़ा राहत की मुद्रा में थे। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए मुझे अभी तक आमंत्रण नहीं मिला है। आमंत्रण मिला तो जरूर जाने की कोशिश करूंगे। मैं तो मंदिर भी जाता हूं, मस्जिद भी और गुरुद्वारा भी और चर्च भी। बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीति गर्म हो रही है, कुछ दलों के नेताओं ने वहां जाने से इनकार कर दिया है। ईवीएम से मतदान से जुड़े सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि दुनिया में इस तकनीक को लोग समाप्त कर रहे हैं। इस देश को विश्व गुरू की उपाधि देते हैं तो ईवीएम को हटा देना चाहिए।
ईडी के समन की बहुत चिंता नहीं
ईडी के छठे समन पर भी पूछताछ के लिए ईडी कार्यालय नहीं जाने और विपक्ष के आक्रमण पर उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष के सवालों का उत्तर नहीं देता। फिर कहा कि देश में कानून नाम की चीज नहीं है। ईडी और सरकार सब कायदे कानून से चलते हैं। क्या मैं भाग रहा हूं या बोरिया विस्तरा समेटकर विदेश में बस गया हूं। राजनेताओं पर आरोप लगते हैं तो क संवैधानिक संस्थाओं पर नहीं लगते। कुछ ब्लर हो जाता है यह अलग बात है। हकीकत कितने दिन दबा के रख सकते हैं। ईडी प्रकरण पूरा देश देख रहा है। मुझे बहुत चिंता नहीं है।
आदिवासी हूं, बोका नहीं
राज्य की वित्तीय स्थिति कमजोर होने के मसले पर कहा कि कुछ दबाव रहता है, कुछ मैन मेड, कृत्रिम। चार साल का सफर तय कर लिया है। नहीं तो सरकार बनने के चंद घंटे बाद से ही विपक्ष की नजर में सरकार गिरने लगी थी। आदिवासी हूं मगर बोका नहीं, समझ लिया है कि कैसे नूरा कुश्ती खेलना है। जीएसटी लागू होने के बाद राज्य में संसाधन जुटाने के स्रोत सिमट गये हैं। उत्पाद और बालू-पत्थर जैसे माइनर मिनरल रह गये हैं, इस पर भी उनकी नजर लगी हुई है। जहां सड़क, पुल-पुलिया नहीं थे वहां हम पहुंच रहे हैं।
जातीय जनगणना के पक्ष में हैं
आइएनडीआइए गठबंधन में प्रधानमंत्री पद का चेहरा से जुड़े सवाल पर हेमंत सोरेन ने कहा कि मुझे लगता है कि लोकतंत्र में जो चेहरा होता है वह जनता ही बनाती है। चेहरा शब्द हाल के दिनों का क्रियेशन है कहकर आगे बढ़ गये। जाति आधारित जनगणना पर उन्होंने कहा कि हम इसके पक्ष में हैं। चर्चा चल रही है। मगर हड़बड़ी में हम कोई गड़बड़ी करना नहीं चाहते। गठबंधन में शामिल होने की वजह से आप पर ईडी का प्रेशर बनाया जा रहा है पूछने पर कहा कि यह समझना बड़ी भूल होगी कि डरा, धमकाकर कोई काम करा लिया जाये। हमारी राजनीतिक पृष्ठभूमि अलग रही है। प्यार से कोई बात करे तो हम गर्दन देने को तैयार हैं। प्रेशर का सवाल हम पर लागू नहीं होता। अपनी सरकार के चार साल की यात्रा पर कहा कि 29 दिसंबर को सरकार के 4 साल पूरे होंगे। सरकार ठीक से बनी भी नहीं थी कि कोविड आया। लॉकडाउन लगा। मगर हमने कामयाबी के साथ मुकाबला किया। गरीब, असहाय, मजदूरों को को कुछ होने नहीं दिया। बाद में योजनाबद्ध तरीके से सभी वर्गों के लिए काम किया। महत्वाकांक्षी योजना आपकी सरकार, आपके द्वार के माध्यम से गांव-गांव जाकर अंतिम व्यक्ति तक हमारी सरकार पहुंच रही है। 29 दिसंबर को तीसरे चरण क समापन होगा।
देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था है। संघीय ढांचे के तहत राज्यों से समन्वय कायम कर सहयोग किया जाता है मगर केंद्र से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलता। उसके बावजूद सीमित संसाधनों में हमने बेहतर काम किया। पुरानी पेंशन योजना से लेकर सर्वजन पेंशन योजना, छात्रवृत्ति में वृदि्ध से लेकर विदेश तक अध्ययन की व्यवस्था की। सरकारी सेवाओं में नौकरी के अवसर दे रहे हैं, विभिन्न सेवाओं में नौकरी दी है। निजी क्षेत्रों में कैंप लगातर 55 हजार लोगों को नौकरी दी है इसके अतिरिक्त निजी क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख लोगों को रोजगार का मौका दिया है। विपक्ष किसी न किसी रूप में रोजगार-नौकरी देने में बाधा पैदा करता रहा है। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना से युवाओं को स्वरोजगार दिया। सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाया। झारखंड देश का पहला राज्य है जहां हाइड्रोजन से चालित इंजन का निर्माण होगा। हमने एमओयू किया है। रांची को जाम से राहत के लिए फ्लाईओवरों का जाल बिछा रहे हैं। राज्य के सर्वांगीण विकास पर हमारा जोर है। गांव मजबूत होगा तो शहर मजबूत होगा और शहर मजबूत होगा तो राज्य मजबूत होगा। राज्य गठन का 23वां साल चल रहा है। 2025 में झारखंड 25 साल का युवा होगा। इसे मजबूती प्रदान करने के लिए विपक्ष को सर्वाधिक अवसर मिले लेकिन आज कोई नहीं कह सकता कि आने वाले 25वें साल में झारखंड इतना मजबूत हो चुका है कि हर चुनौती से लड़ सकता है।
भाजपा ने कहा- फाइल, फोल्डर और बॉस की सरकार
इधर भाजपा ने हेमंत सरकार के चार साल पूरे होने पर रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए हर मोर्चे पर विफल करा दिया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से कहा कि राज्य में अभी फाइल, फोल्डर और बॉस की सरकार है। ठगबंधन मालामाल है, झारखंड बदहाल। मरांडी ने कहा कि झारखंड के भ्रष्टाचार की गूंज पूरे देश में है। हेमंत सरकार चार वर्षो में कोई लीगल काम किया ही नहीं। ईडी की छापेमारी और आईटी रेड में कांग्रेस के सांसद के यहां से करोड़ों की नगदी बरामद होती है। मरांडी ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए महंगे वकीलों को हायर कर हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दौड़ लगाते हैं। इडी ने कई अफसरों व लोगों पर मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखकर दिया लेकिन आज भी वह सारी फाईल हेमंत सोरेन के अलमीरा की शोभा बढ़ा रही है। एफआईआर दर्ज नहीं किया जा रहा है। जब राज्य का सीएम खुद भ्रष्टाचार में संलिप्त हो, भ्रष्ट अफसरों को बचाने में खुद सीएम लगे हों तो भला भ्रष्टाचार कैसे समाप्त होगा। कहा कि ईडी द्वारा मुख्यमंत्री को 6 नोटिस के बाद भी उपस्थित नहीं होना संवैधानिक संस्थाओं का अपमान है। किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं किए होते तो सीएम सीना तानकर ईडी ऑफिस जाते।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन केवल वर्तमान 4 साल के अपने कार्यकाल को छोड़कर सारा ठीकरा भाजपा पर फोड़ते रहे हैं। सच्चाई यह है कि बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास के मुख्यमंत्रित्वकाल को जोड़कर कुल 4764 दिन यानि लगभग 13 वर्षो तक भाजपा को सेवा करने का अवसर मिला है जिसमें कई उल्लेखनीय और ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। भाजपा के नेतृत्व में तीनों सरकारों द्वारा बुनियादी सुविधाएं सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, रोजगार, आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज के कल्याण को तेजी से आगे बढ़ाया गया। हेमंत सोरेन, जेएमएम और कांग्रेस द्वारा मोदी सरकार पर राज्य की उपेक्षा करने का आरोप पूरी तरह बेबुनियाद है। मरांडी ने कहा कि चाहे नदी-नालों से बालू का उठाव हो, कोयला हो या पत्थर के अवैध खनन का मामला हो, किसी से छुपा नहीं है। बालू का ऑक्शन नहीं हुआ, बिना ऑक्शन ही बिहार, यूपी को भेजकर खूब कमाई की गई। साहिबंगज की बहुचर्चित घटना, जिसकी सीबीआई जांच चल रही है। अपराध चरम पर है। उन्होंने कहा कि 5 लाख नौकरी, बेरोजगारी भत्ता, भत्ता नही तो राजनीति से सन्यास, ये सारे दावे फिसड्डी साबित हुए हैं। युवाओं, आदिवासियों-दलितों के साथ दमन, किसानों के साथ ज्यादती जितना हेमंत सरकार में हुई उतनी किसी सरकार में नहीं।