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कांग्रेस का दावा पेट्रोल पर 212 और डीजल पर 443 फीसदी की एक्साइज बढ़ोत्तरी

पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों को कांग्रेस ने दावा किया है कि 2014 के बाद पेट्रोल पर 212% और डीज़ल पर 443%...
कांग्रेस का दावा पेट्रोल पर 212 और डीजल पर 443 फीसदी की एक्साइज बढ़ोत्तरी

पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों को कांग्रेस ने दावा किया है कि 2014 के बाद पेट्रोल पर 212% और डीज़ल पर 443% एक्साइज़ ड्यूटी यानि उत्पाद शुल्क बढ़ा है। कांग्रेस नेता अजय माकन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र ने 4 साल में पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज़ ड्यूटी के माध्यम से ₹11 लाख करोड़ कमाए हैं और अब पेट्रोल-डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

वहीं कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वर्तमान एनडीए सरकार और इससे पिछली यूपीए सरकार के समय तेल की कीमतों में तुलना दर्शाई गई है। इसमें दिखाया गया है कि जहां साल 2014 में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.20 रुपये प्रति लीटर था, वह साल 2018 में बढ़कर 19.48 हो गया। इसी तरह डीजल पर लगने वाला उत्पाद शुल्क 2014 में 3.46 से बढ़कर 15.33 रुपये प्रति लीटर हो गया।

इन आंकड़ों के हिसाब से बढ़ोत्तरी क्रमशः 111.70 और 343.06 फीसदी दर्शाई गई है।


भारत बंद और कीमतों में बढ़ोत्तरी साथ-साथ
देशभर में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ विपक्षी दलों के भारत बंद के ऐलान के बीच आज एक बार फिर ईंधन की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई। राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 23 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 80 रुपये 73 पैसे प्रति लीटर बिक रहा है। वहीं, डीजल 22 पैसे की बढ़ोतरी के साथ 72 रुपये 83 पैसे प्रति लीटर के दर पर पहुंच गया है।

वहीं, महाराष्ट्र में भी पेट्रोल-डीजल सबसे अधिक दामों पर बिक रहा है। आर्थिक राजधानी मुंबई में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर 23 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई। शहर में एक लीटर पेट्रोल 88 रुपये 12 पैसे और डीजल 77 रुपये 32 पैसे प्रति लीटर की दर से बिक रहा है।

कोलकाता में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 83 रुपये 61 पैसे, भोपाल में 86 रुपये 47 पैसे, पटना में 86 रुपये 92 पैसे है। वहीं, पटना में एक लीटर डीजल की कीमत 78 रुपये 47 पैसे है।

21 दलों सहित कांग्रेस कर रही है भारत बंद
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष लगातार मोदी सरकार के खिलाफ हमलावर है। आज कांग्रेस ने भारत बंद बुलाया है। कांग्रेस के इस बंद में करीब 21 पार्टियां भाग ले रही है। विपक्षी दलों का कहना है कि सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर टैक्स कम करे और इसे जीएसटी के दायरे में लाए। वहीं, केंद्र की मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति को जिम्मेदार ठहरा रही है।

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