‘ऑड-ईवन दिखावा है’ सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बैठक की और कहा कि वे कोर्ट के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। अध्ययन के बाद ही ऑड-ईवन लागू करने पर फैसला लेंगे। अब दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और कहा कि ऑड-ईवन प्रदूषण और भीड़भाड़ को कम करने के लिए एक प्रभावी आपातकालीन उपाय है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करेगा। इससे पहले दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक हलफनामा दायर कर ऑड-ईवन स्कीम के फायदे गिनाए हैं।
दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि एनालिसिस के अनुसार, ऑड-ईवन पीरियड में वाहन किलोमीटर यात्रा (वीकेटी) में लगभग 6% की कमी आई, जो कि 37.80 लाख वाहन-किमी/दिन थी। दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एफिडेविट के साथ डिम्ट्स की इस स्टडी के अलावा दो अन्य स्टडीज की रिपोर्ट भी दी है।
Air pollution in Delhi-NCR: The Delhi govt tells Supreme Court that as per the analysis, there was a decrease of about 6% vehicle kilometres travelled (VKT) during the odd-even scheme period amounting to 37.80 lakh vehicle - km/day. pic.twitter.com/1dlgQtueVQ
— ANI (@ANI) November 10, 2023
दरअसल, पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली को नोटिस जारी किया था। सभी से पराली जलाने पर रोक लगाने को कहा गया था। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख देखते हुए दिल्ली सरकार ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश कराने पर फैसला ले सकती है।
बता दें कि दिल्ली सरकार 13 नवंबर से ऑड-ईवन स्कीम लागू करने की घोषणा कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट दाखिल किया है। शुक्रवार को प्रदूषण के मुद्दे पर होने वाली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट इस पर संज्ञान ले सकता है।