कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के साथ ही बंद हुए देश भर के स्कूल-कॉलेजों के फिलहाल खुलने की कोई संभावना नहीं है लेकिन जब भी उन्हें खोलने की अनुमति दी जाएगी, उनमें पढ़ाई और कामकाज के तौर-तरीके बिल्कुल अलग होंगे। क्लास में सीटिंग, सामूहिक प्रार्थना और अन्य कार्यक्रम और लाइब्रेरी में जाने के सुरक्षा नियम तय होंगे ताकि कोरोना वायरस से छात्रों को बचाया जा सके।
देश भर के स्कूल, कॉलेज, यूनीवर्सिटीज पिछले 16 मार्च से बंद हैं, जब केंद्र सरकार ने क्लास रूम्स पर देशव्यापी रोक लगाई थी। उसके कुछ दिनों के बाद लॉकडाउन भी लगा दिया गया। अब लॉकडाउन तीन मई तक लागू है। मानव संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार जब भी स्कूल-कॉलेज खुलेंगे, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। छात्रों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी।
स्कूल-कॉलेजों की अलग-अलग गाइडलाइन
मंत्रालय का स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग स्कूलों के लिए और यूनीवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए गाइडलाइन तैयार कर रहे हैं। यूजीसी ने सितंबर से नए छात्रों के लिए सेशन शुरू करने और अगस्त में प्रवेश प्रक्रिया चलाने की सिफारिश की है। स्कूल वर्चुअल माध्यमों से लर्निंग गतिविधियां चला रहे हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गाइडलाइन में छात्रों और स्टाफ की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए चेकलिस्ट और आवश्यक उपाय शामिल होंगे। क्षेत्र विशेष में कोविड-19 के प्रभाव को भी गाइडलाइन में ध्यान रखा जाएगा और संस्थानों को स्थानीय स्तर पर गाइडलाइन में बदलाव करने की छूट होगी।