दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन गुरुवार को दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने के प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ। हंगामे के चलते विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा को मार्शलों ने सदन से बाहर निकाल दिया। विपक्ष के सदस्य अपनी सीटें छोड़कर अध्यक्ष की कुर्सी के सामने वेल में जा बैठे थे। इस दौरान सदन की कार्यवाही भी स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष बिजली के बढ़े बिलों पर चर्चा कराने की मांग पर अड़ा था।
चर्चा करने के दौरान उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकार की विभिन्न योजनाओं शुरू नहीं हो पाने का ठींकरा उपराज्यपाल अनिल बैजल के सिर फोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार के हर काम में उपराज्यपाल अड़ंगा लगाते हैं। उनका काम सिर्फ दिल्ली सरकार के काम को रोकना है, मगर यदि दिल्ली पूर्ण राज्य होती तो उपराज्यपाल कुछ नहीं कर पाते।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि आज दिल्ली विकास प्राधिकरण दिल्ली के विकास के लिए काम नहीं कर रहा है। सिर्फ प्रॉपर्टी डीलर बनकर बैठा है। उसे दिल्ली की जनता से कोई लेना देना नहीं है। दिल्ली सरकार के पास पुलिस नहीं है। दिल्ली में अपराध बढ़ रहे हैं। घर पर ही राशन पहुंचाने की योजना दिल्ली सरकार लागू नहीं कर पाई है। सरकार ने जनलोकपाल बिल पर काम करना शुरू किया लेकिन पता चला कि यह तो केंद्र सरकार पास करेगा। सरकार के पास अधिकार ही नहीं है।