मुंबई के गोरेगांव में स्थित जय संदेश इमारत में बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरमियानी रात लगी आग की लपटों और धुएं के गुबार के बीच मची चीख-पुकार में वहां रह रहे एक परिवार के लिए सांस लेना तक मुश्किल हो गया था और उन लोगों ने सोचा कि जान बचाने के लिए क्यों न वे लोग खिड़की से नीचे कूद जाएं।
गोरेगांव स्थित इस सात मंजिला इमारत में जब भीषण आग लगी तो ज्यादातर लोग सो रहे थे। इमारत में रहने वाले कई परिवार उस मंजर को याद करते हुए सहमे दिखाई दिए।
बृहन्मुंबई नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, आग में सात लोगों की मौत हो गई जबकि 40 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उन्होंने बताया कि आग की वजह से भूतल पर खड़े कई वाहन जलकर खाक हो गए।
इमारत में रहने वाली 30 वर्षीय महिला ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को दमकल कर्मियों ने बचाया। उन्होंने बताया कि लेकिन कुछ घंटों पहले तक सब कुछ काला, डरावना था और दम घुटने जैसी परिस्थितियां थीं। उन्होंने बताया कि वे लोग घर के भीतर थे और आग व धुएं की वजह से ठीक से सांस भी नहीं ले पा रहे थे।
महिला ने बताया, ”मुझे गुर्दे की बीमारी है इसलिए मेरे परिवार के सदस्य मुझे लेकर बहुत ज्यादा चिंतित थे। मैं बहुत तेज-तेज सांस ले रही थी। मुझे लगा कि मेरा गला भर सा गया है और मैं उल्टी करना चाहती थी।” उन्होंने बताया कि वह और उनके परिवार के सदस्य दरवाजे की ओर भागे लेकिन आग की लपटों की वजह से वहां तक नहीं पहुंच सके।
महिला के मुताबिक, ”हमारे मन में ख्याल आया कि जान बचाने के लिए खिड़की से कूद जाएं। मेरे पिता ने कई बार ऐसा करने का प्रयास भी किया लेकिन हमने उन्हें रोका।” उन्होंने बताया, ”मेरा डरा-सहमा परिवार अंधेरे में मदद के लिए चिल्ला रहा था। एक घंटे बाद दमकल कर्मियों ने दरवाजा तोड़ा और हमें बाहर निकाला।”
महिला ने बताया कि दमकल कर्मियों द्वारा सुरक्षित बाहर निकाले गए लोगों में एक छोटा बच्चा भी शामिल है, जो बहुत डरा हुआ था और रो रहा था।
दमकल अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने गोरेगांव पश्चिम में स्थित जय संदेश इमारत की छत और विभिन्न मंजिलों से करीब 30 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है।
एक अन्य महिला ने बताया कि आग देर रात करीब ढाई बजे निचली मंजिल पर लगी। उन्होंने बताया कि लोग गहरी नींद में सो रहे थे। महिला के मुताबिक, इमारत में धुआं और आग की लपटों को देखने के बाद ही उन्हें खतरे का अहसास हुआ।
इमारत में रहने वाले एक अन्य व्यक्ति ने बताया कि उसने देर रात करीब तीन बजे एक धमाके की आवाज सुनी, जिसके बाद वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ सीढ़ियों से दूसरे लोगों के कमरों के बाहर लगी घंटियां बजाते हुए इमारत से बाहर निकल गए।