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कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम के ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापेमारी, अबतक पांच करोड़ रुपये बरामद

कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के ठिकानों पर गुरुवार से चल रही आयकर...
कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम के ठिकानों पर दूसरे दिन भी छापेमारी, अबतक पांच करोड़ रुपये बरामद

कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के ठिकानों पर गुरुवार से चल रही आयकर विभाग की छापेमारी आज भी यानी शुक्रवार को भी जारी है। उनसे संबंधित ट्रस्ट द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज में कुछ अनियमितताएं पाई गई थी, जिसके बाद आज आयकर विभाग ने सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज के परिसर में छापेमारी शुरू की है। वहीं, दूसरी ओर जी परमेश्वर के भाई के बेटे आनंद के घर पर भी आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है।

गुरुवार से जारी छापेमारी में कांग्रेस नेता जी परमेश्वर के ठिकानों से आयकर विभाग को अबतक पांच करोड़ रुपये बरामद हुए हैं। आज भी छापे जारी हैं, जिसको लेकर उम्मीद हैं कि धनराशि बढ़ सकती है। जांच एंजेसी के अधिकारियों ने दी जानकारी।

छापेमारी को लेकर क्या बोले थे जी परमेश्वर

छापेमारी को लेकर जी परमेश्वर ने गुरुवार को कहा था कि मुझे छापेमारी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे नहीं पता वे लोग कहां इन छापेमारियों को अंजाम दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें छानबीन कर लेने दीजिए, मुझे इस पर कोई आपत्ति नहीं है। अगर हमारी तरफ से कोई गलती है तो हम इसे सुधारेंगे।

कर्नाटक विधान परिषद के पूर्व सदस्य आरएल जालप्पा की संपत्तियों पर भी छापेमारी

कांग्रेस के राजनीतिज्ञ और कर्नाटक विधान परिषद के पूर्व सदस्य आरएल जालप्पा की संपत्तियों पर भी आयकर विभाग के द्वारा छापेमारी की गई है। आरएल जालप्पा सांसद के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। बता दें कि आरएल जालप्पा पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर को करीबी सहयोगी हैं। आयकर विभाग ने दावा किया कि परमेश्‍वर के खिलाफ कई आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने अपने पद का इस्तेमाल अपने 'व्यक्तिगत लाभ' के लिए किया था।

तीस ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी

नीट परीक्षा से जुड़ी करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी के शक में की गई इस छापेमारी में इन दोनों के आवासों समेत कर्नाटक और राजस्थान में करीब 30 ठिकाने खंगाले गए। मई 2018 से जुलाई 2019 तक कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री रहे परमेश्वर का परिवार सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस चलाता है, जिसकी स्थापना 58 साल पहले उनके पिता एचएम गंगाधराय ने की थी।

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