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तेज विकास के लिए सब कुछ बदल डालूंगा- मोदी

आर्थिक विकास को रफ्तार देने और भारत को तेजी से बदलने के लिए कानून में बदलाव करने, गैरजरूरी प्रक्रिया को खत्म करने और मात्र वृद्धिशील प्रगति से आगे सोचने की जरूरत बताई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने। नीति आयोग में `ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया` शीर्षक से आयोजित लेक्चर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, `अगर भारत को बदलाव के लिए चुनौतियों का सामना करना है, तो सिर्फ वृद्धिशील प्रगति ही काफी नहीं है। आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत है। इसलिए मेरा विजन तेजी से बदलाव का है, क्रम विकास का नहीं।`
तेज विकास के लिए सब कुछ बदल डालूंगा- मोदी

उन्होंने गवर्नेंस में आमूल-चूल परिवर्तन की जरूरत बताई और कहा कि 19 सदी के प्रशासनिक ढांचे को लेकर आगे नहीं बढ़ा जा सकता। सोच में बदलाव की जरूरत है। हमें कानून बदलने होंगे, अनावश्यक प्रक्रिया खत्म करनी होगी, विकास को बढ़ाना होगा और तकनीक को अपनाना होगा। हमें बाहर और भीतर- दोनों जगह देखना होगा। तीस साल पहले हमें अपनी समस्याएं सुलझाने के लिए आंतरिक संसाधनों को देखना पड़ता था। आज दुनिया के देश एक-दूसरे पर निर्भर हैं।

नीति आयोग की बैठक से पहले मोदी ने सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री थारमन षण्मुगरत्नम के साथ बैठक की। नीति आयोग के कार्यक्रम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह, सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वेंकैया नायडू, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर समेत मोदी की पूरी कैबिनेट मौजूद थी।

इस कार्यक्रम के पहले नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने एक व्यापक समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री के सामने विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। विभिन्न विभागों के सचिवों ने के समूह ने देश में आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए प्रधानमंत्री को बदलाव के सुझाव दिए थे। इसके बाद, नीति आयोग ने सभी विभागों के लिए कार्य योजना तैयार की थी और इनमें से प्रत्येक की प्रगति की निगरानी कर रही थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल जनवरी में गुड गवर्नेंस, इनक्लूसिव ग्रोथ, एंप्लॉयमेंट जेनरेशन, एजुकेशन ऐंड हेल्थ, स्वच्छ भारत और एनर्जी एफिशिएंसी जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देने के लिए सचिवों के आठ समूह बनाए थे।

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