दिल्ली हिंसा में मारे गए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के कर्मचारी अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि उसकी हत्या बार-बार चाकू गोदकर की गई थी। उसे बुरी तरह पीटा गया और तब तक उस पर चाकुओं से हमला किया गया जब तक उसकी हत्या नहीं हो गई।
पुलिस ने कहा कि अंकित शर्मा दफ्तर से घर लौटने के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए बाहर निकले और एक हिंसक भीड़ से भिड़ गए, जिसने उनकी पिटाई की और चाकू मारकर हत्या कर दी और उन्हें नाले में फेंक दिया। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के पैनल ने साफतौर पर कहा है कि उसे बेरहमी से पीटा गया और बार बार चाकू घोंपा गया जिससे उससे मौत हो गई।
हालात देखने के लिए निकला था घर से बाहर
अंकित पिता देवेंद्र शर्मा के साथ ही काम करता था। पिता भी इंटेलिजेंस ब्यूरो में काम करते हैं। पिता ने कहा कि उनका बेटा मंगलवार शाम 5.30 बजे के आसपास घर लौटा और स्थिति का आकलन करने के लिए बाहर चला गया। जब वह घंटों घर नहीं लौटा, तो परिवार के सदस्यों ने उसकी तलाश शुरू कर दी।" हम जीटीबी और लोक नायक अस्पतालों में भी तलाशने गए कि क्या उसे भर्ती कराया गया है लेकिन उन्हें अंकित नहीं मिला। बुधवार को दोपहर 3 बजे तक वे उसे तलाशते रहे। बाद में करीब 10 बजे जानकारी मिली कि उसका शव चांद बाग नाले के अंदर पड़ा है। हमने कभी नहीं सोचा था कि उसे मार दिया जाएगा।"
नाले से मिला था शव
2017 से आईबी में सुरक्षा सहायक के तौर पर काम कर रहे अंकित शर्मा का शव 26 फरवरी को चांदबाग में नाले से मिला था। पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया गया, जिसके बाद उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार हुआ। दिल्ली के नेहरू विहार के आम आदमी पार्टी (आप) से निगम पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन पर अंकित शर्मा की हत्या के आरोप लगे हैं। अंकित के परिवारवालों ने आरोप लगाया है कि हिंसा के दौरान ताहिर हुसैन और उनके समर्थक अंकित को खींचकर ले गए और उनकी हत्या करने के बाद शव नाले में फेंक दिया। पार्षद पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और वहीं आम आदमी पार्टी ने निलंबित कर दिया है। बता दें कि दिल्ली में हिंसा में हेड कॉन्सटेबल समेत 42 की मौत हो गई जबकि 200 से ज्यादा घायल हो गए।