आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन को दिए गए लोन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आईसीआईसीआई की पूर्व सीईओ चंदा कोचर और पति दीपक कोचर से मंगलवार को लगातार दूसरे दिन पूछताछ की।
इससे पहले ईडी ने सोमवार को उनसे करीब आठ घंटे पूछताछ की थी। जांच एजेंसी ने इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। दोनों के बयान मनी लॉड्रिंग कानून (पीएमएलए) के तहत दर्ज किए गए।
दस्तावेज छुड़ाने के लिए दायर की याचिका
वहीं, चंदा कोचर और पति दीपक कोचर से जुड़ी दो कंपनियों ने अपने जब्त दस्तावेज छुड़ाने के लिए पीएमएलए अपीलेट ट्रिब्यूनल में याचिका दायर की है। ईडी ने 1 मार्च को इन कंपनियों के कागजात जब्त किए थे। उस दिन ईडी ने पैसिफिक कैपिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और क्वालिटी टेक्नो एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों में तलाशी ली थी। चंदा कोचर और दीपक कोचर के पास इन कंपनियों के शेयर हैं।
पहले की थी मुंबई में पूछताछ
बताया जा रहा है कि चंदा कोचर को इस महीने की शुरुआत में जांच एजेंसी के समक्ष पेश होना था, लेकिन उन्होंने समय बढ़ाने की मांग की थी जिसे मंजूर कर लिया गया था। इसके पहले ईडी ने एक मार्च को छापामारी के बाद चंदा कोचर और उनके पति से ईडी के मुंबई कार्यालय में पूछताछ की थी।
ईडी ने चंदा कोचर, उनके परिवार और वीडियोकॉन समूह के वेणुगोपाल धूत के मुंबई और औरंगाबाद स्थित ठिकानों पर छापामारी की थी। ईडी ने दीपक कोचर के भाई राजीव कोचर से भी इस मामले में कई बार पूछताछ की है। राजीव कोचर सिंगापुर की कंपनी एविस्टा एडवाइजरी के संस्थापक हैं। सीबीआई ने लोन के पुनर्गठन में उनकी कंपनी की भूमिका के बारे में उनसे पूछताछ की थी।
क्या है मामला
आईसीआईसीआई बैंक की और वीडियोकॉन समूह को 1,875 करोड़ रुपये के कर्ज को मंजूरी देने के मामले में कथित रूप से अनियमितता बरतने का आरोप है। सीबीआई ने इस मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत समेत धूत की कंपनियों वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) के खिलाफ मामला दर्ज किया था।