देश और दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटे में 1,035 मामले सामने आए हैं और 40 की मौत हुई है जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 239 हो गई है। 642 लोग ठीक हो चुके हैं, देशभर में मामले बढ़कर 7,447 हो गए हैं। मंत्रालय का कहना है कि अगर लॉकडाउन लागू नहीं किया जाता तो कोविड-19 के मामले 41 फीसद बढ़ जाते, फलस्वरूप 15 अप्रैल तक 8.2 लाख मामले सामने आते।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि लोकडाउन और रोकथाम के उपाय महत्वपूर्ण हैं। अगर हमने कोई उपाय नहीं किया होता तो हमारे पास इस समय 2 लाख मामले आ सकते थे। उन्होंने कहा कि देश ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए एहतियाती कदम उठाए। हमने एक ग्रेडेड अप्रोच अपनाया।
देश में 586 समर्पित अस्पताल
लव अग्रवाल ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए भारत ने तेजी से तैयारी की है. देश में 586 कोविड-19 समर्पित अस्पताल, एक लाख से अधिक आइसोलेशन बेड और 11,500 आईसीयू बेड हैं। उन्होंने कहा कि गुरुवार को जहां 16,002 टेस्ट किए गए थे, वहीं शुक्रवार को 16,764 टेस्ट किए गए।
एचसीक्यू के इस्तेमाल की सिफारिश कभी नहीं की
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के आर गंगा खेड़कर ने कहा कि देश में अब तक 1,71,718 नमूनों की जांच की जा चुकी है। जांच के काम में 146 सरकारी और 67 प्राइवेट लैब मगे हुए हैं। उन्होंने कहा कि एचसीक्यू का उपयोग हमने कोविड-19 के मरीजों के लिए करने की सिफारिश कभी नहीं की। यदि एक्सपोज़र की अवधि पर्याप्त नहीं है, तो निष्कर्ष गलत हो सकते हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले
covid19.india.org के मुताबिक देश में अब तक कोरोना वायरस से 250 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 7,684 है, जिसमें से एक्टिव केस अभी 6,642 हैं। ठीक अथवा अस्पताल से डिस्चार्ज होने वाले लोगों की संख्या 792 है। संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं। महाराष्ट्र में संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 1,800 के पार पहुंच गया है। राज्य में अबतक सबसे ज्यादा 110 लोगों की मौत हुई है।