राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस साल राष्ट्रपति भवन में होने वाली इफ्तार पार्टी को रद्द कर दिया है। उनका मानना है कि करदाताओं के पैसों से भवन में किसी भी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा।
11 साल बाद यह पहला मौका होगा जब राष्ट्रपति भवन में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं होगा। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे कलाम के कार्यकाल (2002-2007) में इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं होता था। एपीजे अब्दुल कलाम के कार्यकाल में इफ्तार पार्टी पर होने वाले खर्च की रकम को गरीब और अनाथ लोगों की मदद में खर्च किया गया।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राष्ट्रपति कोविंद के मीडिया सचिव अशोक मलिक ने बताया कि,''राष्ट्रपति भवन एक सेक्युलर स्टेट का मूर्त रूप है। धर्म और गवर्नेंस अलग हैं। टैक्स चुकाने वालों की रकम पर राष्ट्रपति भवन में किसी भी धर्म से जुड़ा त्योहार नहीं मनाया जाएगा। हालांकि, राष्ट्रपति देशवासियों को हर धर्म के त्योहारों पर शुभकामनाएं देंगे। राष्ट्रपति भवन परिसर में रहने वाले किसी भी अफसर या कर्मचारी पर कोई पाबंदी नहीं होगी। वह अपने धर्म से जुड़े त्योहारों को मनाने के लिए आजाद हैं।''
गौरतलब है कि इससे पहले 2017 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के ही कार्यकाल में क्रिसमस पर होने वाली कैरोल सिंगिंग का भी आयोजन नहीं किया गया था। वहीं, प्रतिभा पाटिल ने अपने कार्यकाल में इस पारंपरिक सेलिब्रेशन को मुंबई हमलों के चलते रद्द कर दिया था। हालांकि, इफ्तार पार्टी प्रतिभा पाटिल और फिर प्रणब मुखर्जी, दोनों के कार्यकाल में हुई।