इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का प्रबंधन देखने वाले दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डीआईएएल) ने सोमवार को घोषणा की कि यह देश का पहला हवाई अड्डा बन गया है जो सरलता के लिए समर्पित ट्रांसशिपमेंट एक्सीलेंस सेंटर (टीईसी) का संचालन करता है। ट्रांसशिपमेंट कार्गो के हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाना है।
पीटीआइ ने उक्त जानकारी के साथ डीआइएल के हवाले से बताया कि ट्रांसशिपमेंट एक कार्गो को एक विमान से उतारने और मूल शहर और अंतिम गंतव्य के बीच एक बिंदु पर दूसरे विमान में लोड करने की प्रक्रिया है।
जीएमआर इन्फ्रास्ट्रक्चर की सहायक कंपनी डीआइएएल ने कहा, "यह(टीईसी)ट्रांसशिपमेंट कार्गो के लिए कनेक्टिविटी को बढ़ाएगा। इससे अनियंत्रित प्रदेशों के शिपर्स / निर्यातक अपने माल को दुनिया भर में सहजता से पहुंचा सकते हैं।"
उदाहरण के लिए, इस सुविधा के साथ, बांग्लादेश अब अमेरिका, यूरोप, मध्य पूर्व आदि को दिल्ली हवाई अड्डे से बाहर चलने वाली कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों के माध्यम से जुड़ने में सक्षम हो जाएगा।
डीआइएएल के अनुसार,दिल्ली हवाई अड्डे के नवनिर्मित टीईसी को ट्रांसशिपमेंट कार्गो के हस्तांतरण की प्रक्रिया को सरल और तेज करेगा।
टीईसी सुविधा का विस्तार 6,500 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में है और यह प्रति माह 20,000 मीट्रिक टन कार्गो की शिफ्टिंग की प्रक्रिया संपन्न कराती है।
उन्होंने कहा, "टीईसी ने सेवाओं की टाइमिंग के वितरण के लिए सभी आवश्यक परिचालन सुचारु बनाने के लिए एपेरेट्स के साथ बुनियादी ढांचा स्थापित किया है।"
डीआइएएल के अनुसार, टीईसी माल के प्रकार और मात्रा के आधार पर, 45 मिनट से 6 घंटे के बीच कार्गो की लोडिंग कर सकता है।
केंद्र सरकार के सीमा शुल्क विभाग ने दिल्ली हवाई अड्डे पर एक समर्पित टीईसी के संचालन के लिए अपनी मंजूरी दे दी है और डीआइएएल के अनुसार, माल के परिवहन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का भी चार्ट बनाया है।