विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवादी कृत्यों द्वारा अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए खतरों पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की उच्च स्तरीय बैठक को संबोधित किया। जयशंकर ने पाकिस्तान पर इशारों-इशारों में निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे देश हैं जो आतंकवाद से लड़ने के हमारे सामूहिक संकल्प को कमजोर करते हैं, इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाक स्थित आतंकी समूह बेखौफ होकर अपनी गतिविधियां संचालित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को कभी भी आतंकवादियों के लिए अभयारण्यों की मेजबानी नहीं करनी चाहिए। 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले, पठानकोट हवाई अड्डे और पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों द्वारा किए गए पुलवामा हमलों को याद करते हुए एस जयशंकर ने कहा कि यह चिंता की बात है कि प्रतिबंधित हक्कानी नेटवर्क की गतिविधियां इसे सही ठहराती हैं।
उन्होंने कहा कि भारत, आतंकवाद से संबंधित चुनौतियों और क्षति से अत्याधिक प्रभावित रहा है। दुनिया को आतंकवाद की बुराई से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। भारत मानता है कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद के सभी रूपों, अभिव्यक्तियों की निंदा की जानी चाहिए, इसे किसी भी तरह न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि आईएसआईएस का वित्तीय संसाधन जुटाना और अधिक मजबूत हुआ है, हत्याओं का इनाम अब बिटकॉइन के रूप में भी दिया जा रहा है। विदेश मंत्री ने कहा कि व्यवस्थित ऑनलाइन प्रचार अभियानों के जरिए कमजोर युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों में शामिल करना गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।
जयशंकर ने कहा, ''हमारे पड़ोस में, आईएसआईएल-खोरासन (आईएसआईएल-के) अधिक ताकतवर हो गया है और लगातार अपने पांव पसारने की कोशिश कर रहा है। अफगानिस्तान में होने वाले घटनाक्रम ने स्वाभाविक रूप से क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर वैश्विक चिंताओं को बढ़ा दिया है।''
उन्होंने कहा, ''चाहे वह अफगानिस्तान में हो या भारत के खिलाफ, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे समूह को श्रय मिला हुआ है और वे बेखौफ होकर अपनी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।'' जयशंकर ने कहा, ''जब हम देखते हैं कि जिनके हाथ निर्दोष लोगों के खून से सने हैं उन्हें राजकीय आतिथ्य दिया जा रहा है, तो हमें उनके दोहरेपन को उजागर करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।''