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सैकड़ों भारतीय, विमान और शिप से भारत लाए गए, अमेरिका से 25 हजार घर वापसी के इच्छुक

विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने का काम तेज हो गया है। एयर इंडिया की फ्लाइट ब्रिटेन में फंसे...
सैकड़ों भारतीय, विमान और शिप से भारत लाए गए, अमेरिका से 25 हजार घर वापसी के इच्छुक

विदेश में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने का काम तेज हो गया है। एयर इंडिया की फ्लाइट ब्रिटेन में फंसे 329 नागरिकों को लेकर मुंबई पहुंची। अमेरिका में पंजीकृत करीब 25 हजार भारतीयों को भारत लाया जाएगा।

329 लोगों को लंदन से वापस मुंबई लाई फ्लाइट

लॉकडाउन के बीच एयर इंडिया की फ्लाइट लंदन से मुंबई पहुंची। इस फ्लाइट से 329 नागरिकों को लाया गया। दो अन्य फ्लाइट सिंगापुर और फिलीपींस से भारत पहुंच रही हैं। कुवैत से एयर इंडिया की एक अन्य फ्लाइट हैदराबाद पहुंची जिसके 163 नागरिकों को भारत लाया गया। भारत आए इन नागरिकों की स्क्रीनिंग होगी और अगर किसी में कोराना वायरस के लक्षण मिलेंगे तो उन्हें उनके राज्य के अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। भारत ने चार मई को घोषणा की थी कि सात मई से विदेशों में फंसे नागरिकों को वापस बुलाने के लिए फ्लाइट संचालित होंगी। भारत 7 से 13 मई के बीच 64 फ्लाइट संचालित करके 15 हजार नागरिकों को निकालेगा।

पहले हफ्ते में अमेरिका से सात फ्लाइट

उधर, अमेरिका में भारतीय राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि 25 हजार पंजीकृत भारतीयों को वापस भारत भेजा जाएगा। पहले सप्ताह में सात फ्लाइट भारत जाएंगी। इसके अगले हफ्तों  में भारतीयों को निकालने का काम चलता रहेगा। 200 यात्रियों को लेकर पहली फ्लाइट सैन फ्रांसिस्कों से मुंबई और मुंबई के लिए एक-दो दिन में पहुंच रही है। इसके बाद शिकागो से मुंबई और चेन्नई और वाशिंगटन डीसी से दिल्ली और हैदराबाद के लिए फ्लाइट संचालित होगी।

आइएनएस जलश्व मालदीव से 698 लोगों को लाया

भारतीय नौसेना का शिप आइएनएस जलश्व 698 नागरिकों को लेकर मालदीव से आज कोचीन पोर्ट पर पहुंचा। इसके साथ ही नौ सेना ने पहला बड़ा बचाव अभियान पूरा कर लिया। कोचीन पोर्ट ट्रस्ट के अनुसार वापस आए लोगों में 595 पुरुष और 103 महिलाएं। इनमें दस साल से छोटे 14 बच्चे और 19 गर्भवती महिलाएं हैं। यद्यपि अधिकांश यात्री केरल और तमिलनाडु के हैं, लेकिन कछ लोग 18 अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हैं। पुलिस महानिरीक्षक विजय सखारे के अनुसार वापस आए भारतीयों के ठहरने के लिए व्यवस्था की गई है। इनमें 440 लोग केरल के रहने वाले हैं।

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