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नीति आयोग की रिपोर्ट: जल प्रबंधन के मामले में झारखंड निचले स्तर पर, जानें पहले पायदान पर कौन

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में झारखंड सबसे निचले पायदान पर है। वहीं, इस सूची...
नीति आयोग की रिपोर्ट: जल प्रबंधन के मामले में झारखंड निचले स्तर पर, जानें पहले पायदान पर कौन

नीति आयोग द्वारा जारी किए गए समग्र जल प्रबंधन सूचकांक में झारखंड सबसे निचले पायदान पर है। वहीं, इस सूची में गुजरात सबसे ऊपर है। गुजरात के बाद सूची में क्रमश: मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र का स्थान है।

हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा पहले स्थान पर

केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग, पोत परिवहन एवं जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी द्वारा जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, 2016-17 में पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों में त्रिपुरा पहले स्थान पर रहा। उसके बाद क्रमश: हिमाचल प्रदेश, सिक्कम और असम का स्थान है।

इस आधार पर पहली बार राज्यों की सूची तैयार की

नीति आयोग ने समग्र जल प्रबंधन के सूचकांक के आधार पर पहली बार राज्यों की सूची तैयार की है। यह सूचकांक 9 व्यापक क्षेत्रों में भूमिगत , जल निकायों के स्तर में सुधार , सिंचाई, कृषि गतिविधियां, पेय जल, नीति एवं संचालन व्यवस्था समेत कुल 28 विभिन्न संकेतकों के आधार पर तैयार किया गया है। इसमें जल की स्थिति के आधार पर राज्यों को दो विशेष समूह पूर्वोत्तर तथा हिमालयी राज्य एवं अन्य राज्य में बांटा गया है।

झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब

रिपोर्ट के अनुसार, जल प्रबंधन के मामले में झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और बिहार का प्रदर्शन सबसे खराब है। इस मौके पर गडकरी ने कहा कि जल प्रबंधन बड़ी समस्या है और जिन राज्यों ने अच्छा किया है, उन्होंने कृषि के मोर्चे पर भी बेहतर किया है।

देश में गंभीर जल संकट है और लाखों जीवनको खतरा

उन्होंने कहा, ‘दिल्ली में वायु प्रदूषण और जल प्रबंधन की समस्या से निपटने के लिए मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने जा रहा हूं।’ रिपोर्ट में यह भी कहा कि देश में गंभीर जल संकट है और लाखों जीवन तथा आजीविका को खतरा है।

इसके अनुसार, फिलहाल 60 करोड़ लोग जल समस्या से जूझ रहे हैं। वहीं, करीब दो लाख लोगों की हर साल साफ पानी की कमी से मौत हो जाती है। रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक देश में पानी की मांग आपूर्ति के मुकाबले दोगुनी हो जाने का अनुमान है। इससे करोड़ों लोगों के समक्ष जल संकट की स्थिति उत्पन्न होगी। नीति आयोग ने भविष्य में सालाना आधार पर रैंकिंग जारी करने का प्रस्ताव किया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, यह सूचकांक राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के जल संसाधन के प्रभावी प्रबंधन के आकलन एवं सुधार का एक महत्वपूर्ण जरिया होगा। इसे जल संसाधन मंत्रालय, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय तथा सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की भागीदारी के साथ तैयार किया गया है।

यह सूचकांक राज्यों एवं संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों :विभागों को जल संसाधन के बेहतर प्रबंधन के लिये उपयुक्त रणनीति बनाने एवं क्रियान्वयन के लिये उपयोगी सूचना उपलब्ध कराएगा।

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