एलएसी पर भारत और चीन के विवाद के बीच तनाव बरकरार है। इस बीच केंद्र सरकार ने भारत चीन सीमा पर चल रही सड़क परियोजनाओं की सोमवार को समीक्षा की। सरकार ने मौजूदा प्रोजेक्ट में 32 परियोजनाओं के काम में तेजी लाने का निर्णय लिया है और सभी संबंधित एजेंसियों को फास्ट ट्रैक परियोजनाओं को सहयोग करने का निर्देश दिया है।
गृह मंत्रालय की ओर से बुलाई गई बैठक में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी), सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) समेत अन्य ने हिस्सा लिया। बैठक की एक अधिकारी ने बताया कि चीन के साथ सीमा पर 32 सड़क परियोजनाओं पर काम शीघ्र किया जाएगा और सभी संबंधित एजेंसियां अपना सहयोग फास्ट ट्रैक परियोजानाओं को देंगी। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना और चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच टकराव चल रहा है।
इन परियोजनाओं को दी जाएगी प्राथमिकता
अधिकारी ने बताया कि लद्दाख में बीआरओ कम से कम तीन अहम सड़कों का निर्माण कर रहा है। सड़कों के अलावा, बिजली, स्वास्थ्य, दूरसंचार और शिक्षा जैसे सीमा बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित अन्य परियोजनाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी। मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, हाल के सालों में भारत चीन सीमा से सटे इलाकों में सड़क निर्माण के कामों में तेजी आई है।
अधिकारियों के मुताबिक, 2017 से 2020 के बीच सीमा से सटे इलाकों में 470 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता बनाने (फॉरमेशन कटिंग) का काम पूरा किया गया जबकि 2008 से 2017 के बीच यह सिर्फ 230 किलोमीटर था। 2017-20 के बीच 380 किलोमीटर सड़क के लिए रास्ता साफ किया गया। उन्होंने बताया कि 2014-20 के बीच छह सुरंग सड़कों का निर्माण किया गया जबकि 2008 से 14 के बीच सिर्फ एक सुरंग सड़क का निर्माण किया गया था। इसके अलावा 19 सुरंग सड़कें योजना के चरण में हैं।
कुल 73 सड़के बनाई जा रही हैं
2014-20 के बीच कुल 4,764 किलोमीटर सड़कों का निर्माण किया गया है जबकि 2008-14 के बीच 3,610 सड़क का निर्माण किया गया था। इसी तरह से हाल के सालों में सड़क परियोजनाओं के बजट में भी इजाफा किया गया है। 2008 और 2016 के बीच प्रति वर्ष सड़क परियोजनाओं के लिए बजट 3,300 करोड़ रुपये से 4,600 करोड़ रुपये तक था। 2017-18 में सीमावर्ती इलाकों में सड़क परियोजनाओं के लिए 5450 करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि 2018-19 में 6700 करोड़ रुपये, 2019-20 में 8050 करोड़ रुपये तथा 2020- 21 में 11,800 करोड़ रुपये दिए गए हैं।
भारत सीमा पर कुल 73 सड़कें बनाई जा रही हैं। इनमें से 12 पर सीपीडब्ल्यूडी और 61 पर बीआरओ काम कर रहा है। यह काम केंद्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में किया जा रहा है जो सभी सीमा अवसंरचना परियोजनाओं के लिए नोडल प्राधिकार है। लद्दाख की गलवान घाटी में 15-16 जून को पीएलए के साथ संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे।
सरकार ने किया अपना रूख साफ
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में एलएसी पर सड़के बनाने का काम नहीं रोका जाएगा। यही नहीं सरकार ने साफ कर दिया है कि वह एलएसी पर चीन की किसी हरकत को बर्दाश्त करने को तैयार नहीं है। सरकार ने तीनों सेनाओं को चीन की हर चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए खुली छूट दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों से कहा है कि चीन की ओर से होने वाली हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जाए।