वायु सेना के इस AN-32 विमान ने शुक्रवार सुबह आठ बजे के बाद चेन्नई के तांबरम से अंडमान-निकोबार स्थित पोर्ट ब्लेयर के लिए उड़ान भरी थी। सुबह करीब 8.45 बजे रेडार से इसका संपर्क खत्म हो गया। विमान के पोर्ट ब्लेयर पहुंचने का संभावित समय दोपहर 11.30 बजे था, लेकिन यह वहां नहीं पहुंचा। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।
नौसेना, कोस्ट गार्ड और वायु सेना ने मिलकर इस विमान की तलाश के लिए एक साझा तलाशी व बचाव अभियान शुरू किया है। चेन्नई से 200 नॉट माइल दूर प्लेन की तलाश में चार कोस्ट गॉर्ड के शिप, दो डोनियर प्लेन जुटे हैं। नौसेना ने अपने P8 I एयरक्राफ्ट और कारमुख, घड़ियाल, ज्योति और कुठार जहाजों को लापता विमान की तलाश में लगाया है। लापता हुआ विमान बिना ईंधन भरवाए करीब चार घंटे तक उड़ सकता है। एयरफोर्स के पास AN-32 के 100 से ज्यादा प्लेन हैं।
हवाई जहाज के लापता हो जाने के बारे में वायुसेना के प्रवक्ता कैप्टन डीके शर्मा ने बताया कि 'प्लेन में ज्यादतर सवार एयरफोर्स के अफसर हैं। ये साप्ताहिक उड़ान थी।' सवार अफसरों में तीन वायुसेना के पायलट हैं। तीन नौ सेना के अफसर हैं। आठ और शख्स नेवी से जुड़े हैं।
दो कमांडो हैं। छह ऐसे लोग भी हैं, जो आखिरी वक्त में इमरजेंसी बेसिस पर प्लेन पर सवार हुए हैं।
सत्रह साल पहले हादसे का शिकार हुआ था AN-32 : 1999 में AN-32 का एक प्लेन हादसे का शिकार हो चुका है। दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग के कुछ देर पहले क्रैश होने से 21 लोगों की मौत हुई थी।