राजधानी दिल्ली में प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने पर पिछले छह सालों के दौरान सात हजार से ज्यादा बसों का चालान किया गया। दिल्ली सरकार ने प्रदेश विधानसभा में यह जानकारी दी।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने शनिवार को विधानसभा के सत्र के दौरान कहा कि वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (पीयूसी) नहीं होने पर कुल 7,219 बसों का चालान किया गया। वैध पीयूसी न होने की वजह से सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश की 3,328 बसों का चालन किया गया।
इसके बाद राजस्थान जहां कि 2,064 बसों का चालान किया गया। इस अवधि के दौरान दिल्ली में पंजीकृत 643 बलों का चालान प्रदूषण मानकों का उल्लंघन करने पर किया गया।
मंत्री ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान प्रदूषण फैलाने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2017 से इस साल फरवरी तक कुल 5,086 बसों का पीयूसी प्रमाणपत्र न होने की वजह से चालान किया गया। उन्होंने एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले सालों में यह काफी कम था। वर्ष 2012-13 में 244, 2013-14 में 216, 2014-15 में 506, 2015-16 में 189 और 2016-17 में 978 बसों का चालान किया गया।
 
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    