दिल्ली की एक अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में नीति आयोग की पूर्व सीईओ सिंधुश्री खुल्लर और वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारियों को शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी। मामले की कार्यवाही के दौरान पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को अदालत में पेश किया गया। अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी।
स्पेशल जज अजय कुमार कुहार ने वित्त मंत्री के पूर्व ओएसडी प्रदीप कुमार बग्गा, एफआईपीबी के पूर्व निदेशक प्रबोध सक्सेना, पूर्व सेक्शन ऑफिसर अजीत कुमार डुंगडुंग, तत्कालीन अवर सचिव रबिंद्र प्रसाद और पूर्व संयुक्त सचिव (विदेश व्यापार) डीईए अनूप के पुजारी को भी अंतरिम जमानत दे दी। कोर्ट ने दो लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर उन्हें यह जमानत दी है।
चिदंबरम पर है अनियमितता का आरोप
मामले में अगस्त में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 305 करोड़ रुपये के एफआईपीबी क्लीयरेंस में कथित अनियमितताओं के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। वहीं, इससे जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने जमानत का किया था विरोध
जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि यह आर्थिक अपराध का बड़ा मामला है और चिदंबरम बाहर आकर गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। सीबीआई मामले के आधार पर उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती क्योंकि दोनों मामलों के गवाह और सामग्री अलग-अलग हैं। दिल्ली की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने बुधवार को पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की न्यायिक हिरासत 11 दिसंबर तक के लिए बढ़ा दी थी। उन्हें ईडी ने 16 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।