सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत के फैसले पर किसी तरह का हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 मार्च को मामले में कार्ति चिदंबरम को अंतरिम जमानत दे दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की है। इस मामले में कार्ति चिदंबरम को भी सुप्रीम कोर्ट ने कारोबार के मकसद से 23 जुलाई से 31 जुलाई के बीच अमेरिका, फ्रांस और लंदन जाने की इजाजत दे दी है।
वहीं, इस मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई थी। कोर्ट ने चिदंबरम की गिरफ्तारी पर सात अगस्त तक के लिए रोक लगा दी थी।
सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। सीबीआई का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेश से निचली अदालत में चल रहे मुकदमे पर असर पड़ेगा। सीबीआई ने याचिका में कहा था कि दिल्ली हाईकोर्ट ने गलती से कार्ति को जमानत दे दी। सीबीआई ने याचिका दायर कर कहा था कि कार्ति न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए सीधे हाईकोर्ट पहुंचे गए थे जबकि उनकी जमानत याचिका पहले से ही ट्रायल कोर्ट में लंबित थी। सीबीआई ने याचिका में कहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने उसकी जांच के साथ पक्षपात किया है।
क्या है मामला
मनी लॉन्ड्रिंग का यह मामला आईएनएक्स मीडिया कंपनी से जुड़ा है। इसकी डायरेक्टर शीना बोरा हत्याकांड की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी थी। इस मामले में कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की 305 करोड़ रुपये की मंजूरी को लेकर कथित भूमिका के लिए जांच एजेंसियों के दायरे में आए हैं। सीबीआई ने 2007 में 305 करोड़ रुपये की विदेशी निधि हासिल करने के लिए आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी से मिली मंजूरी में कथित अनियमितता की शिकायत पाई, जिसके बाद पिछले साल 15 मई को एफआइआर दर्ज की थी।