नयी दिल्ली,5 मार्च। आईपी की द्वारका कैम्पस में आज आयोजित 16 वें दीक्षांत समारोह में 24,708 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। इसमें 77 स्वर्ण पदक और 82 पीएचडी शामिल हैं। यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलसचिव रहे स्वर्गीय बी पी जोशी की स्मृति में दिया जाने वाला स्वर्ण पदक डॉ. हेमंत कुमार आर्या और सिद्धार्थ खिटोलिया अवार्ड मनीषा पुरी को दिया गया।
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति एवं दिल्ली के उपराज्यपाल श्रीविनय कुमार सक्सेना ने डिग्री ले रहे छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि आप भविष्य के एंटेरप्रेनोर हैं। अपने देश को विकसित बनाने का दारोमदार आप पर है। इसके लिए आपको सपना देखने की आदत डालनी होगी। उन्होंने कहा कि स्किल और नॉलेज क़ा समुचित उपयोग आवश्यक है।
उन्होंने यूनिवर्सिटी में योग, आयुर्वेद, के साथ- साथ आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स, रोबोटिक्स जैसे चलाए जा रहे प्रोग्राम की सराहना की। उन्होंने कहा कि नरेला में प्रस्तावित यूनिवर्सिटी के तीसरे कैम्पस से ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को फ़ायदा मिलेगा।
यूनिवर्सिटी रपट प्रस्तुत करते हुए यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री प्रो. डॉक्टर महेश वर्मा ने कहा कि पचीस साल में यूनिवर्सिटी ने एक लम्बा सफ़र तय किया है। आज हम दिल्ली के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में एक हैं। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में भी हमने जगह बनाई है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि दीक्षांत भाषण देते हुए नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी॰ वी॰ आर॰ सुब्रह्मण्यम ने कहा कि उच्च शिक्षा के छेत्र में हम दुनिया में दूसरे नम्बर पर हैं। अपने देश में हर सप्ताह एक यूनिवर्सिटी खुल रही है। वर्तमान में देश के तक़रीबन 1,200 यूनिवर्सिटी में 4.2 करोड़ छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि 2047 तक हम दुनिया में नम्बर एक हो जाएँगे। हमारा लक्ष्य तब यूनिवर्सिटी और कॉलेज में 9 करोड़ छात्रों को दाख़िला देने का है। इस अवसर पर पोस्ट मास्टर जनरल अशोक कुमार द्वारा यूनिवर्सिटी के रजत जयंती के उपलक्ष्य में डाक टिकट, सिक्का और फ़र्स्ट कवर भी जारी किया गया। इस अवसर पर यूनिवर्सिटी के सिल्वर जुबिली बुक भी भी लोकार्पण किया गया।