गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जीजीएसआईपीयू) के अटल इंक्यूबेशन सेंटर ने अगोमुक प्रोग्राम के साथ एक इक्विटी-आधारित इंक्यूबेशन समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह कार्यक्रम जस शर्मा और दिनेश शर्मा द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है जो शहरीकरण और सामाजिक-आर्थिक असमानताओं के कारण होने वाले जटिल अपराध पैटर्न को संबोधित करता है।
अगोमुक का उद्देश्य आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई), उन्नत विश्लेषण और सामाजिक अंतर्दृष्टि का उपयोग करके एक भविष्यवाणी मॉडल के माध्यम से सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार करना है। यह कार्यक्रम लोगों को सुरक्षित जीवन जीने में मदद करेगा।
इस अवसर पर जीजीएसआईपीयू में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस 2025 का जश्न मनाया गया। यह कार्यक्रम शिक्षा मंत्रालय और एआईसीटीई के इनोवेशन सेल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में प्रो. टी.जी. सिताराम, एआईसीटीई के अध्यक्ष द्वारा शुरू की गई पहलों को रेखांकित किया गया जिनमें राष्ट्रीय पिचिंग राउंड और फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम शामिल हैं।
इस अवसर पर आईआईसी 6.0 की वार्षिक प्रदर्शन रेटिंग (स्टार रेटिंग) प्रकाशित की गई। यह कार्यक्रम भारत की समृद्ध उद्यमशीलता भावना और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र का प्रमाण था।इसमें संकाय, छात्रों और कई इंक्यूबेटरों ने राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस को देखने और मनाने के लिए भाग लिया।
जीजीएसआईपीयू के कुलपति प्रो. (डॉ.) महेश वर्मा के अनुसार स्टार्टअप गठन, मेंटरिंग और सीड फंडिंग के लिए इक्विटी भागीदारी के माध्यम से प्री-इंक्यूबेशन और इंक्यूबेशन परियोजनाओं; उद्योग के सहयोग से प्रोटोटाइप विकास; और अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी सुविधा निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये का एक इंक्यूबेशन फंड बनाया गया है। यह फंड संस्थान के इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) के माध्यम से अटल इंक्यूबेशन सेंटर (एआईसी) और आईपीयू-इनोवेशन इंक्यूबेशन फाउंडेशन (आईआईएफ) के साथ उपयोग किया जाएगा।