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गाव के किसानों को साहूकारों के शोषण से बचाने के लिए बैंकिंग से जोड़ना जरूरीः पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांवों और किसानों संपन्न और स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें आर्थिक मॉडल और...
गाव के किसानों को साहूकारों के शोषण से बचाने के लिए बैंकिंग से जोड़ना जरूरीः पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांवों और किसानों संपन्न और स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें आर्थिक मॉडल और बैंकिंग व्यवस्था से जोड़ना जरूरी है, अन्यथा गांव के भोले-भाले और जरूरतमंद किसान साहूकारों के शोषण का शिकार बनते रहेंगे। इसके अलावा ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरण पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

महात्मा गांधी की 153वीं जयंती पर दिल्ली में केंद्रीय मंत्री ने डॉ. विष्णु मित्तल की पुस्तक 'ऐसे थे भारत के गांव' का लोकार्पण किया। राजघाट पर स्थित सत्याग्रह मंडप, गांधी स्मृति एवं दर्शन में रविवार को आयोजित कार्यक्रम में पीयूष गोयल ने कहा कि बदलते दौर में हमारे गांव भी तेज गति से बदल रहे हैं। लेकिन बहुत से जरूरी बदलाव आने अभी बाकी हैं। हम सबकी जड़ें गांवों में ही हैं, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि शहर में आकर बहुत से लोग अपने गांव को भूल चुके हैं। उन्हें अपना गांव याद तक नहीं है।

इस मौके पर बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल और संगठन मंत्री सिद्धार्थनाथ ने भी विचार व्यक्त किए। डॉ. विष्णु मित्तल की पुस्तक 'ऐसे थे भारत के गांव' में गांवों की धरोहर और भारत की देशज ज्ञान परंपरा को पाठकों के समक्ष प्रस्तुत किया गया है। विशिष्ट अतिथि, वरिष्ठ पत्रकार एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने गांव से जुड़े महत्वपूर्ण और अनछुए विषय को उठाने के लिए पुस्तक के लेखक डॉ. विष्णु मित्तल की तारीफ की और उम्मीद जतायी कि यह पुस्तक ऐसे हर व्यक्ति की आवाज बनेगी, जो अपने गांव की धरोहर, परंपराओं और जीवन शैली को संजों कर रखना चाहता है। इस अवसर पर प्रभात प्रकाशन के निदेशक, प्रभात कुमार समेत साहित्य और सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े कई उपस्थित रहे।

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