तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल कर रहे कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। न्यूज़ एजेंस पीटीआई ने सूत्र के हवाले से इस खबर की जानकारी दी है। इससे पहले मंगलवार को जानकारी दी गई कि तिहाड़ जेल में पिछले पांच दिन से भूख हड़ताल कर रहे यासीन मलिक को ड्रिप (नलियों) के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहा है।
कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को रक्तचाप में उतार-चढ़ाव के बाद आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने कहा कि मलिक ने डॉक्टरों को एक पत्र सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि वह इलाज नहीं कराना चाहते हैं।
एक सूत्र ने कहा, "उनके बीपी के स्तर में उतार-चढ़ाव के बाद उन्हें मंगलवार को आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।"
मलिक ने रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होने का अनुरोध किया था, लेकिन केंद्र सरकार से इस पर कोई जवाब नहीं मिलने पर उसने भूख हड़ताल शुरू कर दी। मलिक इस मामले में आरोपी है। प्रतिबंधित जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ) के प्रमुख मलिक (56) ने शुक्रवार को सुबह भूख हड़ताल शुरू की थी।
एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया था, ‘‘कड़ी सुरक्षा के बीच कारागार संख्या सात में एक अलग कोठरी में रखा गया मलिक शुक्रवार की सुबह से कुछ नहीं खा रहा है। वह अब भी भूख हड़ताल पर है और चिकित्सक उसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहे हैं। उसे रविवार से ड्रिप के जरिए तरल पदार्थ दिए जा रहे हैं।’’
तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद के आठ दिसंबर, 1989 को हुए अपहरण से जुड़े मामले में मलिक आरोपी है। वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष न्यायाधीश के सामने पेश हुए मलिक ने कहा था कि वह रुबैया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में जम्मू की अदालत में व्यक्तिगत रूप से पेश होना चाहता है। मलिक ने कहा था कि 22 जुलाई तक अगर सरकार ने इस संबंध में अनुमति नहीं दी, तो वह भूख हड़ताल शुरू करेगा।
मलिक को इस साल मई में दिल्ली की एक अदालत ने आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामले में दोषी ठहराया था। मलिक को विभिन्न अवधि की कारावास की सजा सुनाई गई थी और सभी सजाएं एक साथ चल रही हैं। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा 2017 में दर्ज आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मलिक को 2019 की शुरुआत में गिरफ्तार किया गया था। एनआईए की विशेष अदालत ने गत मई में उसे सजा सुनाई थी।
रुबैया सईद का कथित तौर पर जेकेएलएफ के आतंकवादियों द्वारा अपहरण किया गया था। रुबैया को पांच दिन बाद 13 दिसंबर को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया, लेकिन इसके बदले भाजपा द्वारा समर्थित तत्कालीन वीपी सिंह सरकार को जेकेएलएफ के पांच आतंकवादियों को रिहा करना पड़ा था।