सेना प्रमुख की टिप्पणी को लेकर आज जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस मुद्दे पर सरकार से बयान की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट किया।
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा था कि सोशल मीडिया और राज्य के सरकारी स्कूलों द्वारा गलत जानकारियां फैलाई जा रही हैं जो युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेला रही हैं।
अपने बयान में उन्होंने राज्य की मस्जिदों और मदरसों पर “कुछ हद तक नियंत्रण” लगाने और शिक्षा व्यवस्था में “व्यापक सुधार” करने का सुझाव दिया था।
सदन की आज की कार्रवाई शुरू होने के साथ ही, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की टिप्पणी का मुद्दा उठाया और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती या अन्य किसी मंत्री से इसपर बयान देने की मांग की।
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी ने सेना पर “राज्य के मामलों में दखल देने” के आरोप लगाए थे।
हालांकि, इसके उलट भाजपा की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रवक्ता ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने एक बयान में “मंत्रियों से व्यावहारिक रहने और सेना प्रमुख से विवाद में उलझने की बजाए वास्तविकता स्वीकार करने” को कहा था।
(पीटीआई से इनपुट)