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सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राजनीति विज्ञान शिक्षक का निलंबन रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक शिक्षक का निलंबन रद्द कर दिया है। शीर्ष...
सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने राजनीति विज्ञान शिक्षक का निलंबन रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक शिक्षक का निलंबन रद्द कर दिया है। शीर्ष अदालत की जांच की मांग के बीच राजनीति विज्ञान के शिक्षक जहूर अहमद भट को बहाल कर दिया गया।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने भट का निलंबन रद्द करने का आदेश जारी किया। भट्ट को आगे की ड्यूटी के लिए अपने मूल तैनाती स्थान पर रिपोर्ट करना होगा। अनुच्छेद 370 निरस्त करने के मामले में शीर्ष अदालत में पेश होने के एक दिन बाद 25 अगस्त को उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

जम्मू-कश्मीर प्रशासन की ओर से जारी आदेश में लिखा है, ''25 अगस्त के आदेश संख्या 251-जेके (एडु) (निलंबन का आदेश और उसके बाद जम्मू में अटैचमेंट का आदेश) को वापस लेने के परिणामस्वरूप, जहूर अहमद भट, वरिष्ठ व्याख्याता, राजनीति विज्ञान, को आज कार्यालय से कार्यमुक्त किया जाता है।''

इससे पहले, भट्ट पर सरकारी कर्मचारियों के लिए यूटी की आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से संबंधित एक मामले में बहस करने के एक दिन बाद उन्हें श्रीनगर में उनके पोस्टिंग स्थान से हटा दिया गया था।

उन्हें निदेशक स्कूल शिक्षा, जम्मू के कार्यालय से संबद्ध किया गया था, जबकि उनके आचरण की गहन जांच करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भट्ट के निलंबन के मुद्दे पर गौर करने को कहा था।

"ऐसा न हो कि इस अदालत के समक्ष बहस करने वाले को निलंबित कर दिया जाता है...'' वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और राजीव धवन द्वारा मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ को भट्ट के निलंबन के बारे में बताने के बाद पीठ ने यह बात कही।

सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में पूर्ववर्ती राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को खत्म कर दिया था, और बाद में 5 अगस्त 2019 को राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।

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