दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया के पास गुरुवार को एक शख्स ने भारी संख्या में तैनात दिल्ली पुलिस बलों की मौजूदगी के बीच पिस्तौल लहराते हुए फायरिंग की जिसमें एक छात्र घायल हो गया। फायरिंग करने वाला यह शख्स 19 वर्षीय रामभक्त गोपाल शर्मा है जो गौतम बुद्ध नगर जिले (उत्तर प्रदेश) के जेवर क्षेत्र का रहने वाला है।शख्स ‘रामभक्त गोपाल’ ने फायरिंग से पहले फेसबुक पर पोस्ट करते हुए लिखा था, "मेरे आखिरी सफर में मुझे भगवा में लपेटना और 'जय श्री राम' के नारे लगाना... ।" आगे उसने एक अन्य पोस्ट में शाहीन बाग में महिलाओं और बच्चों द्वारा पिछले 40 दिनों से अधिक समय से नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को लेकर लिखा, "शाहीन भाग, खेल खत्म... ।"
जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी द्वारा आयोजित एंटी-सीएए मार्च के दौरान इस शख्स ने फायरिंग की गई। इसमें घायल हुआ छात्र शादाब फारूख पत्रकारिता का छात्र है। उसके हाथ में गोली लगी है। पुलिस ने हमलावर को पकड़ लिया है। वहीं, घायल शदब को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एआईआईएमएस) के ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। डॉक्टर के मुताबिक छात्र की हालत सामान्य बताई गई है। विरोध कर रहे छात्र मार्च को जामिया से राजघाट तक ले जा रहे थे। लेकिन, विश्वविद्यालय के निकट होली फैमिली अस्पताल के पास ही मार्च को रोक दिया गया। बता दें, जामिया में पिछले साल 15 दिसंबर को भी हिंसा हुई थी जिसमें 100 से ज्यादा छात्र घायल हो गए थे।
'ये लो आजादी' करते हुए की फायरिंग
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबकि फायरिंग करने वाले शख्स गोलीबारी करते हुए ‘ये लो आजादी’ चिल्लाया। जिसके बाद शख्स पर काबु पाते हुए पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इक्नॉमिक्स की छात्रा आमना आसिफ ने कहा कि हम सभी जामिया से अस्पताल की ओर बढ़ रहे थे, जहां पुलिस ने बैरिकेड्स लगा दिए थे। अचानक बंदूक चलाने वाले एक व्यक्ति ने बाहर आकर गोली चला दी।"
मार्च की नहीं मिली थी अनुमति
वहीं, (दक्षिण-पूर्व) के डीसीपी चिन्मय बिस्वाल ने कहा कि छात्र जामिया से राजघाट तक मार्च निकालना चाहते थे लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि छात्रों ने इलाके में तोड़फोड़ की, पुलिस को वापस जाने के लिए कहा। "वापस जाओ, वापस जाओ" के नारे लगाए। पुलिस अधिकारियों ने उन्हें शांति बनाए रखने और शांतिपूर्वक अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा। आगे उन्होंने कहा, "उन्हें बार-बार कहा जा रहा था कि विरोध को शांतिपूर्ण तरीके से अंजाम दिया जाना चाहिए। हमने होली फैमिली अस्पताल से ठीक पहले सड़क पर बैरिकेडिंग कर दी थी। इस बीच, भीड़ में एक व्यक्ति को देखा गया जिसके हाथ में हथियार था।"