जवाहरलाल नेहरू यूनीवर्सिटी में फीस वृद्धि को लेकर चल रहे आंदोलन का माहौल उस समय बिगड़ गया जब मास्क लगाए दर्जनों लोगों ने कैंपस में छात्रों और शिक्षकों पर हमला लिया। कैंपस में स्टूडेंट्स यूनियन और एबीवीपी के सदस्यों के बीच आज जमकर मारपीट हुई। इसमें स्टूडेंट्स यूनियन की अध्यक्ष आशी घोष के अलावा अन्य छात्र चोटिल हुए हैं। सूत्रों के अनुसार जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित सार्वजनिक बैठक के दौरान दोनों पक्षों के बीच टकराव शुरू हुआ।
एबीवीपी सदस्यों पर हमले का आरोप
स्टूडेंट्स यूनियन ने कहा है कि यूनियन की अध्यक्ष आशी घोष और दूसरे छात्रों के गंभीर चोटें आई हैं। एबीवीपी के सदस्यों ने उन पर पथराव किया। आशी घोष ने कहा कि उन्हें बुरी तरह पीटा गया। हमलावर मास्क लगाकर आए थे। हमले के कारण उनके शरीर से कई जगह खून निकलने लगा। एक अन्य छात्र ने कहा कि दर्जनों बाहरी लोग रॉड, हॉकी, स्टिक लेकर कैंपस में घुस आए। उसने आरोप लगाया कि हमलावर एबीवीपी के सदस्य थे।
एबीवीपी ने भी मारपीट करने का विरोधियों पर आरोप लगाया
दूसरी ओर एबीवीपी की जेएनयू यूनिट के अध्यक्ष दुर्गेश ने कहा कि वामपंथी विचारधारा के करीब 400-500 लोग पेरियार हॉस्टल के आसपास एकत्रित हो गए। उन्होंने हॉस्टल में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की और एबीवीपी सदस्यों के साथ मारपीट की। एबीवीपी ने दावा किया कि उनके अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मनीष जांगिड़ हमले में बुरी तरह घायल हो गए। उनके हाथ में फैक्चर आया है। एबीवीपी ने कहा कि घायल छात्रों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने के बाद वह शिकायत दर्ज कराने के बारे में फैसला करेगी।
स्टूडेंट्स यूनियन का आरोप
जेएनयूएसयू के महासचिव सतीश चंद्रा ने कहा कि एबीवीपी और प्रशासन फीस वृद्धि का विरोध कर रहे छात्रों को निशाना बना रहे हैं। मारपीट के आरोपों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि छात्रों और समाज को गुमराह करने के लिए वे गलत आरोप लगा रहे हैं।
प्रशासन ने गुमराह न होने की अपील की
जेएनयू के प्रशासन ने अपील की है कि आंदोलनकारियों द्वारा फैलाई जा रही गलत बातों से गुमराह न हो। उसने आरोप लगाया कि आंदोलनकारी यूनीवर्सिटी की सामान्य गतिविधियों को बाधित करने के लिए गैर कानून तरीके अपना रहे हैं। प्रशासन ने कहा कि विंटर सेमिस्टर में पंजीकरण और पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को वह मदद देने का प्रयास करेगा।