जजों के नाम पर घूस लेने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। पीटीआई के मुताबिक, कोर्ट ने कामिनी जायसवाल की इस याचिका को अवमानना पूर्ण माना है। इस मामले पर कोर्ट ने कहा है कि इस तरह के मामलों से कोर्ट की छवि खराब हुई है। लेकिन कोर्ट ने इस तरह की याचिका दाखिल करने के लिए याचिकाकर्ता पर अवमानना की कार्रवाई नहीं की है।
साथ ही कोर्ट ने कहा है कि उन्हें खेद है कि एक वरिष्ठ वकील ने इस तरह की याचिका दाखिल की है। कोर्ट ने कहा कि वे आशा करते हैं कि सभी लोग मिल-जुल कर इस ग्रेट इंस्टिट्यूशन के लिए काम करेंगे। कोर्ट ने सोमवार को इसकी सुनवाई पूरी कर ली थी। बता दें के ओडिशा हाईकोर्ट के एक पूर्व जज समेत कई लोगों पर मेडिकल कॉलजों का मामला कोर्ट में रफा-दफा करवाने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप था।
क्या है मामला?
सीबीआई ने 19 सितंबर को दर्ज की गई एफआईआर में उड़ीसा हाईकोर्ट के पूर्व जज इशरत मसरूर कुदुसी समेत कई लोगों को कथित करप्शन के मामले में आरोपी बनाया था। कुदुसी समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया।कुदुसी पर भुवनेश्वर के एक बिचौलिए के जरिए सुप्रीम कोर्ट से 46 मेडिकल कालेजों में रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक से राहत दिलाने की साजिश रचने का आरोप है।