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पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने मानी मांग, डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल

पश्चिम बंगाल में बीते छह दिनों से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच...
पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने मानी मांग, डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल

पश्चिम बंगाल में बीते छह दिनों से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच बैठक के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है। जूनियर डॉक्टर्स के प्रतिनिधमंडल ने कहा कि हम मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। इतने बड़े आंदोलन के बाद मुख्यमंत्री के साथ बैठक एक तार्किक नतीजे पर पहुंची। हम चाहते हैं कि सरकार सभी मुद्दे निश्चित समय पर सुलझाए। साथ ही डॉक्टरों ने देश भर के डॉक्टरों को धन्यवाद कहा, जो उनके समर्थन में आए। 

हर अस्पताल में तैनात होगा नोडल पुलिस अफसर

इससे पहले प्रदेश के चिकित्सकों से बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने कोलकाता के पुलिस कमिश्नर अनुज शर्मा को हर अस्पताल में एक नोडल पुलिस अफसर की तैनाती के निर्देश दिए। 14 मेडिकल कॉलेज के 2-2 प्रतिनिधि इस मीटिंग में शामिल हुए। साथ ही अस्पतालों में शिकायत निवारण सेल की मांग को भी ममता ने मान लिया है। साथ ही ममता ने बताया कि एक भी डॉक्टर को हिरासत में नहीं लिया गया और एनआरएस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले भी ममता ने डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की थी।

एनआरएस मेडिकल कॉलेज में एक मरीज की मौत के बाद दो जूनियर से हुई मारपीट के विरोध में राज्य के जूनियर डॉक्टर मंगलवार से हड़ताल पर थे। इसका असर देश के दूसरे राज्यों तक पहुंच गया।

डॉक्टरों ने मुलाकात से किया था इनकार

हालांकि ममता बनर्जी ने शनिवार को ही चिकित्सकों को बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन डॉक्टर्स ने इस ऑफर को ठुकरा दिया था। इसके बाद हड़ताल कर रहे डॉक्टर्स सीएम ममता बनर्जी से मिलने को राजी हो गए। 

इस मुलाकात पर डॉक्टरों ने कहा था कि सीएम के साथ मुलाकात की पूरी प्रक्रिया को रिकॉर्ड किया जाए। पहले ये मांग ठुकरा दी गई थी लेकिन बाद में इसे मान लिया गया। इससे पहले रविवार को ढाई घंटे की मीटिंग के बाद डॉक्टर्स के एक प्रवक्ता ने कहा था कि हम लोग इस गतिरोध को खत्म करने को तैयार हैं, हम सीएम से बात करने को तैयार हैं, जहां वे बात करना चाहेंगी। बशर्ते ये खुले में हो, मीडिया की मौजूदगी में हो, किसी बंद कमरे में नहीं।

क्या है मामला 

बता दें कि 10 जून को नील रत्न सरकार मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक 75 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। इसके बाद गुस्साए परिजनों ने मौके पर मौजूद डॉक्टरों को गालियां दीं। इस पर डॉक्टरों ने परिजनों के माफी न मांगने तक प्रमाणपत्र नहीं देने की बात कही। इस मामले में फिर हिंसा भड़क गई, कुछ देर बाद हथियारों के साथ भीड़ ने हॉस्टल में हमला कर दिया।

इसमें दो जूनियर डॉक्टर गंभीर रूप से घायल हुए जबकि कई और को भी चोटें आईं. इस पूरे मामले पर ममता बनर्जी ने हड़ताल वाले डॉक्टरों की निंदा की तो मामला तूल पकड़ता गया।

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