1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े दिल्ली में बंद किए गए 186 केस की जांच अब दो सदस्यीय एसआईटी ही करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को इस कमेटी को हरी झंडी दे दी है।
असल में इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर्ड हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएन ढींगरा, आईपीएस अभिषेक दुलार और रिटायर्ड आईपीएस राजदीप वाली तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी। इनमें से राजदीप सिंह ने जांच टीम में शामिल होने में असमर्थता जताई थी।
केंद्र सरकार ने जताई थी असमर्थता
केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के 186 मामलों की निगरानी कर रहे तीन सदस्यीय विशेष जांच दल के एक सदस्य द्वारा असमर्थता व्यक्त किये जाने के कारण उसे भरने की जरूरत नहीं है। इस दलील को मानते हुए मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दो सदस्यीय कमेटी को जांच जारी रखने की मंजूरी दे दी।
बड़े पैमाने पर हुए थे दंगे
सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को अपने आदेश में 1984 के सिख विरोधी दंगों के उन 186 मामलों की आगे जांच की निगरानी के लिये जस्टिस ढींगरा की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी जिन्हें बंद करने के लिये पहले रिपोर्ट दाखिल की गई थी।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनके ही सुरक्षाकर्मियों द्वारा गोली मार कर हत्या किये जाने की घटना के बाद बड़े पैमाने पर सिख विरोधी दंगे हुये थे, जिसमें अकेले दिल्ली में 2733 लोग मारे गये थे।